Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 05:01 PM
विवाह का बंधन मानों जिंदगी की नई शुरुअात। दुनियां की रीत अनुसार राजा हो या रंक हर किसी ने अपनी बेटी को विदा किया।
बठिंडाः विवाह का बंधन मानों जिंदगी की नई शुरुअात। दुनियां की रीत अनुसार राजा हो या रंक हर किसी ने अपनी बेटी को विदा किया।
विवाह शब्द सुनकर ही सबको खुद की शादी याद आ जाती है और क्यों ना हो? विवाह शब्द है ही इतना मीठा। इस बंधन में बंधने से नए रिश्तों के साथ-साथ शुरुअात होती है नई कसौटियों की जिसे निभाना हर लड़की अपना धर्म समझती है।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने फेसबुक पेज पर अपने विवाह की तस्वीर पोस्ट कर 26 वर्ष पहले की यादों को ताजा किया है।
उन्होंने लिखा गुरुपर्व के पवित्र दिहाड़े पर जब वह अौर सुखबीर सिंह बादल गुरु साहिब की हाजिरी में बैठे नए रिश्तो में बांधने वाली चार लांव(सिख धर्म में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चार बार परिक्रमा करना) को सुन रहे थे तो उन्हें नहीं पता था कि जिंदगी आगे कैसी होगी। बीबी बादल ने लिखा कि उन दोनों ने एक दूसरे का साथ देने और गुरू की तरफ से दिखाए मार्ग पर इकट्ठे चलने का वायदा किया था।
उन्होंने लिखा 26 सालों बाद तीन बेहद प्यारे बच्चों समेत वह अपने पति सुखबीर सहित भगवान का शुकराना करते हैं। बीबी बादल ने लिखा कि मैंने अौर सुखबीर बादल ने एक साथ बहुत से उतार-चढ़ाव देखें हैं। अच्छे और बुरे समय का सामना किया है, बहसे हैं, हंसे हैं, एक दूसरे की मदद की है, हौसला बढ़ाया है। परन्तु सबसे जरूरी बात यह है कि हमेशा एक दूसरे के साथ रहे हैं। आज कलगीधर पातशाह के गुरुगद्दी दिवस के मौके पर हम उनका शुकराना करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि गुरू साहिब हमें हमेशा अपने चरणों के साथ जोड़ कर रखें।