Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 05:16 PM
पंजाब में सरकारी स्कुलों के बुरे हालातों के चलते परिजन अपने बच्चों को दाखिला दिलवाने के लिए अक्सर तौबा करते है
संगरुरः पंजाब में सरकारी स्कुलों के बुरे हालातों के चलते परिजन अपने बच्चों को दाखिला दिलवाने के लिए अक्सर तौबा करते है लेकिन जिला संगरूर के रतोके गांव का एक सरकारी प्राईमरी स्कुल ऐसा भी है जहां गांव के लोग अपने बच्चों को दाखिला दिलवाने के लिए बच्चे के जन्म के तुरंत बाद से ही न सिर्फ कोशिश शुरू कर देते है बल्कि अपने बच्चों को इस स्कुल में दाखिला दिलवाने से दो साल पहले ही उन्हें दाखिले का रजिस्ट्रेशन तक करवाना पड़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत ही कम खर्च में न सिर्फ इस स्कुल के बच्चों को प्राईवेट स्कुलों के मुकाबले बेहतर शिक्षा सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है बल्कि स्भ्याचारक और खेल गतिविधियों में भी इस स्कुल का कोई मुकाबला नहीं कर सकता।
इतना ही नहीं दुसरे सरकारी स्कुलों के मुताबिक इस स्कूल में सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक शिक्षा और दूसरी गतिविधियों के जरिए बच्चों को अपने आने वाले भविष्य के लिए खूब तराशा जाता है। यह सब कुछ सम्भव हो पाया है स्कुल के निस्वार्थ सेवा करने वाले स्टाफ की सुझबुझ, पंचायत और जागरूक परिजनों सदका।
स्कुल को इस बुलंदी तक लेकर जाने वाले स्कुल के इंचार्ज और स्कुल में ही बतौर अध्यापक काम करने वाले सुरिन्दर सिंह ने बताया कि वे एक मिशन के तहत काम कर रहे है। उनका मिशन है बच्चों को सर्वपक्षीय विकास करना और वे उसमे सफल भी हो रहे है। उनके मुताबिक गांव की पंचायत और बच्चों के परिजनों का भी उन्हें खूब साथ मिल रहा है।