पंजाब की राजनीतिक पार्टियों पर भारी पड़ सकते हैं किसान !

Edited By Tania pathak,Updated: 15 Dec, 2020 04:26 PM

farmers may outnumber punjab political parties

मीडिया रिपोर्ट अनुसार गांवों की समाजसेवी जत्थेबंदियां भी किसानों के साथ डट गई हैं।

लुधियाना (मुल्लांपुरी): पंजाब के किसानों ने जिस तरीके के साथ तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए मोदी सरकार खिलाफ 15 दिनों से पंजाब की राजनितिक पार्टियों को दिल्ली धरने में नजदीक न फटकने देने की कार्यवाही की हुई है उसे देख कर लग रहा है कि अब पंजाब की राजनीतिक पार्टियां अकाली दल, कांग्रेस, आप और भाजपा को धरना खत्म होने पर किसानों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।

किसान खेती बिलों में अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस को सीधे तौर पर आरोपी मान कर चल रहा है और इन पार्टियों से इसी कारण बड़ी दूरी बना चुका है। इसलिए अब मीडिया रिपोर्ट अनुसार गांवों की समाजसेवी जत्थेबंदियां भी किसानों के साथ डट गई हैं।

किसानों के धरने के बारे में राजनीतिक पंडितों ने कहा कि नए साल को पंजाब में किसान जत्थेबंदियों और मजदूर भाईचारे का बोलबाला हो सकता है और किसान इस चल रहे संघर्ष में कितने सफल होते हैं, इस बारे में अभी कुछ भी कहना मुश्किल है।

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