Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 03:59 PM
बरनाला के गांव बीहला के सरकारी स्कूल में कान्वेंट जैसी सुविधाए मिलती हैं। यहां बच्चे स्मार्ट क्लास में एलईडी पर शिक्षा ले रहे हैं। स्कूल में बास्केटबाल, हैंडबाल का मैदान, झूले हवादार कमरे, शुद् वातावरण, पेड़ पौधों के अलावा स्मार्ट विज्ञान लैब और...
बरनाला: बरनाला के गांव बीहला के सरकारी स्कूल में कान्वेंट जैसी सुविधाए मिलती हैं। यहां बच्चे स्मार्ट क्लास में एलईडी पर शिक्षा ले रहे हैं। स्कूल में बास्केटबाल, हैंडबाल का मैदान, झूले हवादार कमरे, शुद् वातावरण, पेड़ पौधों के अलावा स्मार्ट विज्ञान लैब और कंप्यूटर लैब भी मौजूद है। यह सब हो सका है कि ईटीटी अध्यापक हरप्रीत सिंह की बदौलत।
इस स्कूल को मॉडल बनाने की मुहिम करीब दस साल पहले गांव दीवाना के रहने वाले अध्यापक हरप्रीत सिंह ने अपने वेतन से जोड़ी गई तीन लाख की राशि से की थी। इसके बाद लोगों के सहयोग से एकत्रित हुई 28 लाख की राशि से जिले का पहला मॉडल स्कूल तैयार कर दिखाया। करीब 2 कनाल जगह में बने इस मॉडल स्कूल को देखने के लिए दूर-दूर से निजी व सरकारी स्कूलों के अध्यापक भी आ रहे हैं।
वर्ष 2016 के दौरान इस स्कूल में बतौर हेड टीचर पदोन्नत हुए हरप्रीत सिंह ने ईटीटी अध्यापक के तौर पर वर्ष 2002 के दौरान ज्वायन किया था। तब स्कूल की पुरानी इमारत थी, अध्यापक हरप्रीत सिंह गांव की पंचायत और विदेशों में रहते दोस्तों से सलाह मशविरा किया। वर्ष 2008 में पचायत के सहयोग से स्कूल में पहले तीन कमरे और बरामद बनवाया। इसके बाद चार कमरे और दफ्तर मंजूर करवा लिया। विदेशों में रहते गांव के एनआरआई लोगों से सहयोग लेकर स्कूल के फर्श पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगवाई। बच्चों फर्नीचर और खेल का सामान मंगवाया। छात्रों की संख्या आज बढ़कर दो सौ हो गई है।