Edited By Neetu Bala,Updated: 07 Jan, 2024 01:13 PM
पंजाब के पहाड़ी इलाकों जैसे कि हिमाचल, आनंदपुर साहिब, रोपड़, नंगल, होशियारपुर आदि के जंगलों से तेंदुओं के शहरों में दाखिल होने का अंदेशा रहता है।
पंजाब डेस्कः पंजाब में तेंदुओं की एंट्री अब आम होने लगी है। पिछले दिनों पंजाब के लुधियाना में तेंदुआ को देखा गया था, जहां कई बार तेंदुए के पैरों के निशान भी देखे गए, लेकिन इसके बाद फरीदकोट में भी तेंदुए जैसे किसी जानवर के पैरों के निशान दिखाई दिए थे, जिस संबंधी खबर 'पंजाब केसरी' समाचार पत्र ने अपनी पत्रिका में प्रकाशित भी की थी। इसीलिए पंजाब सरकार ने अब जंगल से शहरों में आने वाले इन तेंदुआ की रोकथाम और इन पर निगरानी रखने के लिए एक मेगा प्लान बनाया है। इस पर पंजाब वर्ड लाइफ प्रोजेक्ट काम करेगा। जिसके द्वारा तेंदुओं की संख्या और इनके प्रबंधन पर कार्य किया जाएगा। वन्य विभाग की टीमें इलाकों में सक्रिय रहेंगी व गणना काम पूरी तरह से हाईटैक तरीके किया जाएगा। मोशन कैमरों द्वारा तेंदुओं की तस्वीरें ली जाएंगी साथ ही इनके द्वारा बदले जाने वाले रूट की पड़ताल भी की जाएगी।
गौरतलब है कि पंजाब के पहाड़ी इलाकों जैसे कि हिमाचल, आनंदपुर साहिब, रोपड़, नंगल, होशियारपुर आदि के जंगलों से तेंदुओं के शहरों में दाखिल होने का अंदेशा रहता है। जब इन इलाकों में ठंड अधिकर पड़ती है तो ये जानवक शहरों का रुख करना शुरु कर देते हैं। इसके इलावा पहाड़ी इलाकों में जंगलों को काट पर मैदानी इलाके में तबदील किया जा रहा है, जिस कारण भी तेंदुए खाने की कमी के कारण शहरों का रुख करने लगे हैं। पंजाब सरकार व वन विभाग का मुख्य उद्देश्य लोगों व इन बेजुबान जानवर दोनों की रक्षा करना है जिसके लिए उक्त कदम उठाया जा रहा है।
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