Edited By Subhash Kapoor,Updated: 29 Nov, 2023 09:27 PM

संभव जैन मामले में शुभम और संजू के बारे में पुलिस को जानकारी मिली थी जिसके बाद सी.आई.ए. की टीमें लगातार उनकी पीछा कर रही थी। दोनों आरोपी एक्टिवा पर थे, जबकि सी.आई.आई. टीमें गाड़ी पर आरोपियों के पीछे-पीछे थीं।
लुधियाना (राज): संभव जैन मामले में शुभम और संजू के बारे में पुलिस को जानकारी मिली थी जिसके बाद सी.आई.ए. की टीमें लगातार उनकी पीछा कर रही थी। दोनों आरोपी एक्टिवा पर थे, जबकि सी.आई.आई. टीमें गाड़ी पर आरोपियों के पीछे-पीछे थीं। देर शाम करीब साढ़े छह बजे जब आरोपी साहनेवाल-डेहलों रोड़ पर पहुंचे तो पुलिस उनके नजदीक पहुंच गई थी। तब आरोपी एक्टिवा लेकर गांव टिब्बा के जंगलों में घुस गए थे। पुलिस को देखकर आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सामने से फायरिंग होते हुए देखकर पुलिस ने अपनी तरफ से भी फायर शुरू कर दिए। दोनों में मुठभेड़ शुरू हो गई। यह मुकाबला करीब दस मिनट तक चला। दोनों तरफ से करीब 20 राऊंड फायर हुए थे। बताया जा रहा है कि आरोपियों की तरफ से दस से बाहरा गोलियां चलाई गई थी। जबकि पुलिस ने भी आरोपियों पर जवाबी फायर किए। दस मिनट तक चले इस मुकाबले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को ढेर कर दिया। गोलियां लगने के बाद आरोपियों की मौके पर ही मौत हो गईथी।
पुलिस कमिश्नर कुलदीप चाहल का कहना है कि मृतक गैंगस्टर शुभम उर्फ गोपी और संजू उर्फ बामण दोनों के खिलाफ पहले से ही लूट, डकैती और एन.डी.पी.एस एक्ट के केस दर्ज थे। कुछ महीनों पहले आरोपी जेल से बाहर आए थे। बाहर आने के बाद आरोपियों ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर कारोबारी संभव जैन का अपहरण किया था। उनकी तलाश दौरान सबसे पहले दो आरोपियों को पकड़ा गया। फिर हरिद्वार से कारोबारी की कार बरामद हुई। इसके बाद आरोपियों के तीन साथी और पुलिस ने काबू कर लिए। उनके पकड़े जाने के बाद शुभम और संजू को नाम सामने आया था। पुलिस टीमें उसी दिन से आरोपियों को अलग-अलग लॉकेशन पर ढूंढ रही थी। आज जब सूचना मिली तो पुलिस उनका पीछा करते हुए गांव टिब्बा पहुंची और आरोपियों के साथ मुठभेड़ कर उनका एनकाऊंटर कर दिया।