Edited By Sunita sarangal,Updated: 27 Mar, 2021 04:41 PM
धरती के सुधार की ओर एक कदम बढ़ाते हुए लोगों को पर्यावरण सुरक्षा और ऊर्जा की बचत के बारे में जागरूक करने के लिए.......
जालंधर: धरती के सुधार की ओर एक कदम बढ़ाते हुए लोगों को पर्यावरण सुरक्षा और ऊर्जा की बचत के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल अर्थ ऑवर डे (Earth Hour Day) मनाया जाता है। यह दिन मार्च महीने के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है। इस बार यह दिन 27 मार्च यानि की आज है। आज रात साढ़े 8 बजे से लेकर साढ़े 9 बजे तक एक घंटे के लिए दुनिया भर से 180 से ज्यादा देशों के लाखों लोग लाइटें बंद करेगें।
धरती की बेहतरी है मुख्य मकसद
लाखों लोगों द्वारा लाइट बंद करने का मुख्य मकसद धरती की बेहतरी के लिए एकजुट होना होता है। लोगों द्वारा लाइटें बंद करके ऊर्जा की बचत कर धरती को सुरक्षित रखने का संदेश दिया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद प्रकृति को होने वाले नुक्सान को रोकना और मनुष्य के भविष्य को अच्छा बनाना है।
भारत में 2009 में हुई इसकी शुरूआत
अर्थ ऑवर डे की शुरूआत वन्यजीव व पर्यावरण संगठन ‘वर्ल्ड वाइट फंड फॉर नेचर’ ने 2007 में की थी। पहली बार यह दिन 31 मार्च को ऑस्ट्रेलिया के सिडरी शहर में मनाया गया था। धीरे-धीरे यह दिन पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा। वहीं भारत में 2009 में इस अभियान की शुरूआत हुई, जो कि अब एक आंदोलन बन चुका है। भारत में पहली बार 58 शहरों में 50 लाख लोग, वहीं 2010 में 128 शहरों के 70 लाख से ज्यादा लोग इस मुहिम में शामिल हुए थे। इस में दुनिया भर की कई ऐतिहासिक इमारतें भी शामिल होती हैं और एक घंटे के लिए उनकी लाइटें भी बंद कर दी जाती है।