भारत में नशीले पदार्थों की सप्लाई तेज करने के लिए ISI ने तैयार की नई योजना

Edited By swetha,Updated: 11 Nov, 2018 10:12 AM

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बेशक पाकिस्तान सरकार आतंकियों को ट्रेनिंग दिए जाने से इंकार कर रही है, परंतु सच्चाई यह है कि वहां आज भी बड़ी संख्या में भारत विरोधी ट्रेनिंग कैम्प चल रहे हैं जो पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. की देखरेख में काम कर रहे हैं।

गुरदासपुर(विनोद): बेशक पाकिस्तान सरकार आतंकियों को ट्रेनिंग दिए जाने से इंकार कर रही है, परंतु सच्चाई यह है कि वहां आज भी बड़ी संख्या में भारत विरोधी ट्रेनिंग कैम्प चल रहे हैं जो पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. की देखरेख में काम कर रहे हैं। 

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ऐसा ही एक कैम्प लाहौर के किला शोभा सिंह में चल रहा है जिसमें खालिस्तानी विचार-धारा के 20 से अधिक नौजवान आधुनिक शस्त्रों का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस कैम्प की विशेषता यह है कि इस कैम्प में जितने भी नौजवान ट्रेनिंग ले रहे हैं, वे यह ट्रेनिंग अपने लिए नहीं बल्कि अन्य नौजवानों को ट्रेनिंग देने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। सीमापार के सूत्रों के अनुसार बब्बर खालसा इंटरनैशनल आतंकवादी संगठन के नेता वधावा सिंह तथा खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स के चीफ रणजीत सिंह नीटा की अगुवाई में यह कैंप चल रहा है तथा इस कैम्प की सुरक्षा इतनी सख्त है कि इस किले के अंदर तो दूर की बात इस किले के आस-पास भी किसी को आने नहीं दिया जाता।

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31 दिसम्बर तक चलेगा कैंप
सूत्रों ने बताया है कि एक सिख नौजवान प्रतिदिन इस कैम्प में ट्रेनिंग ले रहे नौजवानों को सिख इतिहास के बारे में जानकारी देने के लिए आता है तथा उत्तेजित करने वाले भाषण देता है। यह कैम्प आई.एस.आई. अधिकारी मेजर नदीम खान की देखरेख में चल रहा है तथा इस कैम्प में हर तरह के आधुनिक शस्त्र रखे हुए है। इस साल अगस्त माह से शुरू हुआ यह विशेष ट्रेनिंग कैम्प 31 दिसम्बर तक चलेगा।

जुलाई में बनी थी कैंप की योजना, भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी का भी लिया निर्णय
कहा जा रहा है कि इस कैम्प की योजना जुलाई माह में माडल टाऊन लाहौर की एक विशाल कोठी में तैयार की गई थी। इस मीटिंग की अध्यक्षता आई.एस.आई. अधिकारी मेजर याकूब अली ने की थी। इस मीटिंग में आई.एस.आई. अधिकारियों सहित पाकिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के नशीले पदार्थों के तस्कर गफूरा पटवारी निवासी लाहौर तथा शेर अली खान निवासी शकरगढ़ को भी शामिल किया गया था। तब मीटिंग में खालिस्तान समर्थकों को शस्त्र ट्रेनिंग का ट्रेनर बनाने सहित भारत में नशीले पदार्थों की भारत में सप्लाई को तेज करने संबंधी कई तरह के निर्णय लिए गए। इस काम के लिए खालिस्तानी विचार-धारा के लोगों का सहयोग लेने के लिए भी निर्णय लिया गया था। 

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इस संबंधी 50 सिम पाकिस्तानी तस्करों व 50 सिम भारतीय तस्करों को भेजने की योजना तैयार कर इसके लिए कुछ मोबाइल टॉवर भी भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगाने की योजना तैयार की गई थी। ये टॉवर पाकिस्तान की नूर और जलालबंद पोस्ट के पास लगाने की योजना बनाई गई थी। सूत्र बताते हैं कि सिम तो तस्करों को जारी कर दी गई हैं परंतु अभी टॉवर लगाने का काम पूरा नहीं हुआ है। इस सारी योजना का मुख्य लक्ष्य भारत में आतंकवादियों को नशीले पदार्थों की सप्लाई को तेज करना है। 

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