Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Feb, 2018 10:26 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने मोहाली में भूमि सौदे को लेकर किसी भी नियम की उल्लंघना करने के विपक्षी आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि वह अपने सियासी हितों को देखते हुए इस मामले को उछाल रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी...
जालन्धर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने मोहाली में भूमि सौदे को लेकर किसी भी नियम की उल्लंघना करने के विपक्षी आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि वह अपने सियासी हितों को देखते हुए इस मामले को उछाल रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी मुख्यमंत्री को भूमि खरीदने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि ‘आप’ व अन्य पाॢटयों के नेता बेवजह इस मामले को उछाल रहे हैं। भूमि सौदे में पूरी पारदॢशता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने संबंधित जमीन को खरीदने के लिए डी.सी. रेट से दुगने दाम दिए हैं क्योंकि भूमि मालिक संबंधित प्लॉट को बेचना नहीं चाहता था। यह भूमि मोहाली के निकट सिसवान में स्थित है। वहां पर डी.सी. रेट 30 लाख था, जबकि मैंने 60 लाख रुपए प्रति एकड़ के भाव से जमीन खरीदी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी पी.एल.पी.ए. द्वारा लॉक की गई वन भूमि को लेने का कोई इरादा नहीं है। एक्ट के तहत आते 2 खसरों को छोड़ दिया गया है तथा वहां पर फैंसिंग भी नहीं की गई है। शेष जमीन को 2011 में पूर्व सरकार द्वारा डी-नोटिफाई किया गया था। उन्होंने कहा कि उनके पास पहले ही मजरी गांव में 15 एकड़ जमीन है जो उन्होंने 25 वर्ष पहले खरीदी थी। यह जमीन पी.एल.पी.ए. द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के घेरे में आती है। इस पर आगे भी प्रतिबंध रहेंगे। सिसवान गांव में खरीदी गई भूमि पर निर्माण को लेकर वह सभी नियमों की पालना करने के लिए प्रतिबध होंगे। उन्होंने कहा कि अगले नौकरी मेला में 1.50 लाख नौजवानों को नौकरियां दी जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी अमरेन्द्र से मिलेकेंद्रीय आवास व शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप पुरी ने आज चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से मुलाकात की तथा विभिन्न मामलों को लेकर उनसे चर्चा की। हरदीप पुरी ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिया कि पंजाब में आवास व शहरी विकास से जुड़े प्रत्येक मसले का समाधान केंद्र द्वारा निकाला जाएगा। बैठक के दौरान पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि मेयरों के चयन के मामले को लेकर छिड़े विवाद के बाद सिद्धू की मुख्यमंत्री के साथ पहली बैठक आमने-सामने हुई।