Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 01:29 PM
11 दिसम्बर 2015 को शराब व्यवसायी शिव लाल डोडा के गांव रामसरा स्थित फार्म हाऊस में सेवारत गेटकीपर जसकरण सिंह ने अदालत में गवाही के दौरान कबूला कि दलित युवक भीम टांक की हत्या फार्म हाऊस में ही की गई थी। उक्त बयान से भीम के साथ गए गुरजंट सिंह जंटा,...
अबोहर(भारद्वाज): 11 दिसम्बर 2015 को शराब व्यवसायी शिव लाल डोडा के गांव रामसरा स्थित फार्म हाऊस में सेवारत गेटकीपर जसकरण सिंह ने अदालत में गवाही के दौरान कबूला कि दलित युवक भीम टांक की हत्या फार्म हाऊस में ही की गई थी। उक्त बयान से भीम के साथ गए गुरजंट सिंह जंटा, उसके भाई रंजीत सिंह राणा व मामा भोला सिंह द्वारा अपने बयानों से पलटने के बाद एक बार फिर पूरे क्षेत्र में हत्याकांड की पृष्ठभूमि पर प्रमुखता से चर्चा शुरू हो गई है।
उल्लेखनीय है कि इस कांड में हालांकि गुरजंट भी बुरी तरह से घायल हो गया था और बड़ी मुश्किल से मौत के मुंह से निकल पाया लेकिन उपरोक्त तीनों व्यक्तियों ने अदालत में बयान देते हुए यह कहा था कि हत्या फार्म हाऊस के बाहर किसी अहाते में की गई। सीमावर्ती गांव कोठा पक्की के मूल निवासी जसकरण सिंह (25) ने अपनी गवाही में कहा कि आमतौर पर फार्म हाऊस में अजनबी लोगों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती थी लेकिन हैरी (हरप्रीत सिंह) के निर्देश पर उस दिन 3-4 वाहनों में सवार लगभग 2 दर्जन अजनबियों को फार्म हाऊस में दाखिल होने की अनुमति दी गई।
बयान में जसकरण सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि हैरी के आगमन के बाद ही उस कार को भी अंदर आने की अनुमति दी गई जिसमें 2 व्यक्ति (भीम व गुरजंट) सवार थे। थोड़ी देर बाद ही भीतर लड़ाई-झगड़ा शुरू होने की आवाजें सुनाई दीं। कुछ क्षण बाद हैरी और उसके साथी गाडिय़ों में सवार होकर हनुमानगढ़ रोड की तरफ निकल गए। उसने (जसकरण) फार्म हाऊस के मैदान में घायल पड़े भीम को देखा, जिसके हाथ-पांव काट दिए गए थे।