Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 04:02 PM
केन्द्र सरकार द्वारा देश की जनता से स्वैच्छा से गैस सबसिडी छोडऩे के लिए गिव इट अप स्कीम को मिली सफलता के बाद रेलवे ने भी गिव इट अप योजना शुरू की थी जिसके चलते वृद्ध यात्रियों से रेलवे को करोड़ों रुपए का फायदा हुआ है। दूसरी तरफ दिव्यांग यात्रियों ने...
लुधियाना (विपन): केन्द्र सरकार द्वारा देश की जनता से स्वैच्छा से गैस सबसिडी छोडऩे के लिए गिव इट अप स्कीम को मिली सफलता के बाद रेलवे ने भी गिव इट अप योजना शुरू की थी जिसके चलते वृद्ध यात्रियों से रेलवे को करोड़ों रुपए का फायदा हुआ है। दूसरी तरफ दिव्यांग यात्रियों ने उन्हेंयात्रा के लिए जरूरी सहूलियतें प्रदान करने की मांग रेल प्रशासन से की है।जानकारी अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा गिव इट अप योजना शुरू किए जाने के बाद कुछ लोगों ने गैस सबसिडी छोड़ कर जरूरतमंद लोगों को नए एल.पी.जी. कनैक्शन देकर गैस सिलैंडर ईंधन उपल्बध करवाने में मिली सफलता के मद्देनजर रेलवे द्वारा सबसिडी खर्चे को घटाने के लिए ट्रेनों में सफर करने वाले वृद्ध यात्रियों को मिलने वाली छूट में से आधा छोडऩे के लिए आह्वान कर योजना शुरू की गई, जिसके चलते वरिष्ठ नागरिकों ने टिकट पर मिलने वाली छूट नहीं लेकर रेलवे को करीब 40 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया है।
पिछले वर्ष शुरू की थी योजना
रेलवे द्वारा इस योजना को पिछले वर्ष शुरू किया गया था जिसमें सरकार का साथ देने के लिए लाखों वरिष्ठ नागरिकों ने इसे अपनाया और रेलवे को सबसिडी बोझ कम करने में साथ दिया। सूत्र बताते हैं कि केवल पिछले & महीनों में ही अढ़ाई लाख से अधिक पुरुष यात्रियों तथा 2 लाख महिला यात्रियों ने उन्हें रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सबसिडी में से आधी छोड़ दी तथा 2 लाख से अधिक वरिष्ठ पुरुष नागरिकों और अढ़ाई लाख से अधिक वरिष्ठ महिला नागरिक यात्रियों ने अपनी पूरी सबसिडी छोड़ दी जिससे सबसिडी का आधा व पूरा त्याग करने वाले यात्रियों की संख्या का आंकड़ा 9 लाख से अधिक हो गया है जोकि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है। वरिष्ठ नागरिकों ने अपना कत्र्तव्य समझ स्वै‘छा से सबसिडी त्याग करने का निर्णय लिया है जो कि एक सराहनीय कदम है लेकिन दूसरी तरफ दिव्यांग यात्रियों द्वारा रेलवे से उन्हे मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की मांग करते हुए रेलवे प्लेटफार्मों (1 नं. प्लेटफार्म छोड़) पर ट्रेन पकडऩे के लिए आने-जाने के लिए फुट ओवरब्रिज के साथ रैंप बना कर दिए जाने की मांग की है। उनके अनुसार फिलहाल प्लेटफार्मों पर जाने के लिए जो रास्ता अभी रेलवे ट्रैक से गुजरता है, वह उनके लिए काफी असुविधाजनक है तथा काफी जोखिम भरा है जोकि उनके लिए किसी भी समय खतरनाक साबित हो सकता है।
दिव्यांग यात्रियों के लिए शौचालयों की उचित व्यवस्था की मांग
दिव्यांग यात्रियों ने अपने लिए सभी प्लेटफार्मों व रेलवे परिसर में विशेष शौचालय बना कर दिए जाने व पुराने शौचालयों को हर समय खोल कर रखे जाने की मांग की है। उनका कहना था कि स्टेशन पर उनके लिए बनाए गए शौचालयों में से केवल प्लेटफार्म नं. 1 पर बने शौचालय ही खुले मिलते हैं। बाकियों पर हर समय ताला पड़ा दिखाई देता है जिसके चलते उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है।