सेहत मंत्रालय की कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बनाई डिस्चार्ज पॉलिसी को पंजाब में नहीं किया लागू

Edited By Tania pathak,Updated: 10 May, 2020 11:40 AM

discharge policy of health ministry was not implemented in punjab

सेहत और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को लेकर बनाई गई डिस्चार्ज पॉलिसी को पंजाब सरकार द्वारा अभी तक राज्य में लागू नहीं किया गया है। पंजाब सरकार यदि इस पॉलिसी को गंभीरता से लेते हुए...

अमृतसर, (दलजीत): सेहत और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को लेकर बनाई गई डिस्चार्ज पॉलिसी को पंजाब सरकार द्वारा अभी तक राज्य में लागू नहीं किया गया है। पंजाब सरकार यदि इस पॉलिसी को गंभीरता से लेते हुए काम करती है तो पूरे राज्य में 500 से अधिक बिना लक्षणों वाले कोरोना पॉजीटिव मरीजों को जहां अस्पताल से बाहर ले जाकर कोविड-केयर सैंटर या उनके घरों में रखने का प्रावधान है, वहीं गुरु नानक देव अस्पताल सहित राज्य के अन्य सरकारी अस्पतालों में इन मरीजों के कारण बढ़ रहा हवा वायरस लोड कम हो जाएगा। सरकारी डाक्टरों ने भी मंत्रालय की डिसचार्ज पॉलिसी का समर्थन किया है तथा सरकार से इस पर विचार करने के लिए अपील भी की है।

जानकारी के अनुसार देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को रोकने के लिए केंद्र सरकार सतर्कता बरत रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वायरस से संक्रमित मरीज को लेकर एक डिस्चार्ज पॉलिसी जारी की है, जिसमें मरीजों की देखभाल और उसकी स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके अलावा किस मरीज को कब छुट्टी देनी है यह भी इस पॉलिसी में दर्ज है। पॉलिसी में क्या है खास संक्रमित मरीज में कोरोना के लक्षण बहुत हलके हैं तो उन्हें कोविड केयर फैसलिटी में रखा जाएगा। जहां उन्हें रैगुलर टैम्पप्रेचर चैक और पल्स ऑक्सिमैट्री मॉनिटरिंग से गुजरना होगा। मरीज को यदि तीन दिन तक बुखार नहीं होता है तो उसे 10 दिन में डिसचार्ज किया जा सकता है। डिस्चार्ज होने के बाद मरीज को 14 दिन की बजाय 7 दिन होम आइसोलेशन में रहना होगा। 14वें दिन टैली-कांफ्रैंस के जरिए मरीज का फॉलो-अप किया जाएगा।

श्री गुरु नानक देव अस्पताल अमृतसर की बात करें तो यहां पर 235 ऐसे मरीज दाखिल है, जिनमें कोई भी लक्षण नहीं है, परंतु उनका कोरोना पॉजीटिव है। इसी प्रकार पंजाब के विभिन्न जिलों के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी ऐसे सैंकड़ों मरीज भरे पड़े हैं। सरकारी मैडीकल कालेज अमृतसर के डाक्टरों का तर्क है कि पॉलिसी काफी अच्छी है। यदि पंजाब सरकार इसको शीघ्र लागू करती है तो राज्य के सरकारी अस्पतालों पर कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे के कारण बढ़ रहा बोझ कम होगा तथा वह गंभीर अवस्था वाले कोरोना मरीजों की और अच्छी तरह से जांच कर पाएंगे। अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में 235 मरीज होने के कारण वहां पर हवा में वायरस लोड दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यदि सरकार इस गाइडलाइन को गंभीरता से लेती है तो जल्द ही उक्त अस्पताल का कांप्लैक्स वायरस लोड थे, ठीक हो जाएगा अन्यथा आने वाले दिनों

कोरोना के 80 प्रतिशत पॉजीटिव मरीजों में नहीं होते लक्षण
सरकारी मैडीकल कालेज अमृतसर के सीनियर डाक्टर के अनुसार कोरोना वायरस से पीड़ित 80 प्रतिशत पाजीटिव मरीजों में कोई भी लक्ष्य नहीं होता, जबकि 20 प्रतिशत में यह लक्षण होते हैं। यदि सरकार गाइडलाइन को लागू करती है तो राज्य में सरकारी अस्पतालों में होने वाली मृत्यु दर में भी कमी आएगी।

बुखार होने पर फिर होगी जांच
अगर किसी शख्स को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद बुखार, खांसी या सांस लेने में परेशानी होती है। वह कोविड केयर सैंटर, राज्य के हैल्पलाइन नंबर या 1075 पर सम्पर्क कर सकता है। वहीं अस्पताल से डिस्चार्ज हुए लोगों की 14वें दिन टैली कांफ्रैंस के जरिए स्वास्थ्य जांच दोबारा की

गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए अलग नियम
गंभीर लक्ष्ण वाले मरीजों को कोरोना वायरस के इलाज के लिए बने कोविड हैल्थ सैंटर में ऑक्सीजन बैड्स पर रखा जाएगा। ऐसे मरीज जो ऑक्सीजन स्पोर्ट पर हैं, उन्हें क्लीनिकल सिम्प्टम्स दूर होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा। लगातार 3 दिन तक ऑक्सीजन सैचुरेशन मेंटेन रखने वाले मरीज ही डिस्चार्ज होंगे। इसके अलावा एच.आई.वी. पैशेंट्स और अन्य गंभीर बीमारियों वाले पेशेंट्स को क्लीनिकल रिकवरी और आर.टी.पी.सी.आर. टैस्ट में नैगेटिव आने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा।

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