गरीब प्रवासी मजदूर के लिए सेहत सुविधाएं बनीं शाप

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Oct, 2017 10:00 AM

cure for poor migrant laborers

सरकारी अस्पतालों में गरीबों को मिलने वाली सेहत सुविधाएं कई बार गरीब परिवारों के लिए शाप बन जाती हैं जिसका ताजा उदाहरण है ..........

संगरूर(यादविन्द्र): सरकारी अस्पतालों में गरीबों को मिलने वाली सेहत सुविधाएं कई बार गरीब परिवारों के लिए शाप बन जाती हैं जिसका ताजा उदाहरण है प्रवासी मजदूर महावीर जिसने अपनी गर्भवती पत्नी को डिलीवरी के लिए जब सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया तो वहां पर इलाज के नाम पर उसके साथ जो हुआ, वह उसे हमेशा याद रहेगा। 

डिलीवरी के 4 दिनों उपरांत नवजात बच्ची तो हमेशा के लिए उससे छीन ही गई, वहीं अब उसकी पत्नी पटियाला के अस्पताल में जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ रही है। स्थानीय सिविल अस्पताल में अपनी गर्भवती पत्नी की डिलीवरी करवाने आए इस प्रवासी मजदूर ने बताया कि उसकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया था, जो रविवार को दम तोड़ गई। उसकी गूंगी पत्नी की हालत अभी भी पटियाला के अस्पताल में गंभीर बनी हुई है। 

क्या था मामला
पीड़ित महावीर ने बताया कि 4 अक्तूबर को सुबह 5 बजे वह अपनी पत्नी रूपा जोकि गर्भवती थी, को डिलीवरी के लिए स्थानीय सिविल अस्पताल के गायनी वार्ड में लेकर आया था, जहां 7 बजे गायनी डाक्टरों ने आकर उसका चैकअप कर पटियाला रैफर कर दिया था किंतु वह बेहद गरीब होने के चलते अपनी पत्नी को पटियाला ले जाने में असमर्थ था। इसके चलते वह उसे इसी अस्पताल में दाखिल करने के लिए गिड़गिड़ाता रहा। इसी दौरान गर्भवती महिला दर्द से तड़पती रही व उसने स्टाफ नर्स के कमरे में ही सुबह 10.30 बजे बच्ची को जन्म दे दिया।

जच्चा-बच्चा की हालत नाजुक
पीड़ित महावीर कुमार के पास केस से संबंधित कोई कागज व पहचान पत्र आदि न होने के कारण गायनी डाक्टर ने अपनी असमर्थता प्रकट की थी। इस कशमकश के दौरान गर्भवती महिला ने लेबर रूम के बाहर ही बच्ची को जन्म दे दिया। पैदा हुई बच्ची का भार कम होने के कारण बच्ची व उसकी मां की हालत ङ्क्षचताजनक थी जिन्हें बाद में पटियाला अस्पताल रैफर कर दिया गया जहां रविवार को उक्त बच्ची की मौत हो गई।

गायनी डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
समाज सेवी संस्था नोबल हैङ्क्षल्पग हैंड्स फाऊंडेशन की टीम उक्त मामले में गायनी डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सी.एम.ओ. डा. किरणजोत कौर बाली से मिली व अस्पताल में सेहत प्रबंधों व सुविधाओं की मांग भी की।

मामले की जांच का भरोसा
एस.एम.ओ. डा. किरणजोत कौर बाली ने कहा कि अस्पताल में पैदा हुई बच्ची बेहद कमजोर थी व उसका भार भी कम था। इसी लिए मां-बच्ची को पटियाला रैफर किया गया था। मामले की जांच की जा रही है। अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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