कनाडा मे खालिस्तान के समर्थन से फंडिंग कर रहा भारतीय मूल का आपराधिक सिंडिकेट

Edited By Mohit,Updated: 05 Jun, 2020 06:38 PM

criminal syndicate funding with support from khalistan in canada

पंजाब के भारतीय प्रवासियों के प्रभुत्व वाला भारतीय-कनाडाई अपराध सिंडिकेट भारत में..........

गुरदासपुर (विनोद): पंजाब के भारतीय प्रवासियों के प्रभुत्व वाला भारतीय-कनाडाई अपराध सिंडिकेट भारत में खालिस्तान आंदोलन को फिर से हवा देने के लिए सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के लिए अलगाववादी समूहों को आर्थिक सहयोग करने तथा उनकी जरूरत अनुसार पैसों का प्रबंध करने मे लगा हुआ है। भारतीय गुप्तचर एजेंसियों के अनुसार यह सिंडीकेट एस.एफ.जे.नेता गुरपतवंत सिंह पन्नु के लिए काम कर रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार की गई एक गोपनीय रिपोर्ट से पता चला है कि नशीले पदार्थो की तस्करी और कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया राज्य से बाहर संचालित होने वाले धालीवाल और ग्रेवाल गिरोह जैसे अपराध सिंडिकेट एसएफजे नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू और उनके सहयोगियों से जुड़े हैं। धालीवाल और ग्रेवाल गिरोह ने एक वैंकूवर-आधारित कुख्यात माफिया सिंडिकेट ब्रदर्स कीपर्स की स्थापना की। ड्रग तस्करी, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और बंदूक चलाने के अलावा, ब्रदर्स कीपर्स एस.एफ.जे. नेताओं और खालिस्तान आंदोलन से जुड़े लोगों को भी फंड देते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध धन के समर्थन से चरमपंथी सिख नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू एक ही छत के नीचे कई खालिस्तानी गुटों को लाने की साजिश कर रहा है और इस संबंध में वह इस रविवार (सात जून) को एक विश्व स्तरीय वीडियो सम्मेलन को संबोधित करेगा। खालिस्तान समर्थक इस अमेरिका आधारित एस.एफ.जे. समूह पर नरेंद्र मोदी सरकार ने जुलाई 2019 में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। एस.एफ.जे. संगठन जिसका पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के साथ भी संबंध है, खालिस्तान के समर्थन में सिख समुदाय द्वारा स्वाधीनता के लिए जनमत संग्रह पर जोर दे रहा है। भारत में एस.एफ.जे. के कई प्रमुख कार्यकर्ताओं की पहचान की गई है और अब तक उनके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जांच की जा रही है, जिनकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। 

आई.ए.एन.एस. द्वारा समीक्षा की गई खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एस.एफ.जे. जो कनाडाई सिंडिकेट्स से धन प्राप्त कर रहा है, हवाला के माध्यम से पंजाब और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में अपने कार्यकर्ताओं को पैसे हस्तांतरित कर रहा है। भारतीय मूल के कनाडाई बदमाशों और अमेरिका व कनाडा में खालिस्तान समर्थक नेताओं के बीच गहरी सांठगांठ कोई नई बात नहीं है। इससे पहले, एक शीर्ष सिख राजनेता पर ड्रग किंगपिन रणजीत सिंह चीमा के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया गया था। चीमा की पहचान 2000 की शुरुआत में कनाडा में कोकीन तस्करी के सबसे बड़े सौदागर के तौर पर की गई थी। इसके अलावा 1990 से लेकर 2012 के दौरान कनाडा में एक दर्जन से अधिक हत्याओं के लिए भी चीमा और मारा जा चुका गैंगस्टर भूपिंदर सिंह सोहल जिम्मेदार रहा है।

कनाडाई संसद के सदस्य जगमीत सिंह धालीवाल के बारे में बहुचर्चित बात यह भी है कि उसे खालिस्तान के लिए एक धन उगाहने वाले व्यक्तित्तव के तौर पर भी देखा जाता है। जगमीत सिंह ने भारतीय एजेंसियों का तब ध्यान आकर्षित किया था, जब उसने 2013 में ओंटारियो में खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं का एक सम्मेलन आयोजित किया था, जिसका उद्देश्य विदेशों में भारत की छवि को खराब करना था। इसके दो साल बाद 2015 में एन.डी.पी. के विधायक सदस्य के रूप में, जगमीत सिंह सैन-फ्रांसिस्को में खालिस्तान समर्थक रैली में दिखाई दिया था।

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