कपास व धान दाव पर : बारिश ने किसानों को डराया

Edited By Des raj,Updated: 23 Sep, 2018 03:59 PM

cotton and paddy on the stake rain threatens farmers

आज बारिश से भले ही मौसम सुहावना हुआ है, वहीं शहरियों को गर्मी से राहत भी मिली है, परन्तु किसानों को परेशानी में डाल दिया है, क्योंकि कपास व धान दाव पर लगे हुए हैं, जिस कारण उनको नुक्सान होता नजर आ रहा है, परन्तु खेती विज्ञानियों का कहना है कि इस...

बठिंडा (बलविंद्र): आज बारिश से भले ही मौसम सुहावना हुआ है, वहीं शहरियों को गर्मी से राहत भी मिली है, परन्तु किसानों को परेशानी में डाल दिया है, क्योंकि कपास व धान दाव पर लगे हुए हैं, जिस कारण उनको नुक्सान होता नजर आ रहा है, परन्तु खेती विज्ञानियों का कहना है कि इस बारिश से नुक्सान नहीं बल्कि फायदा होने की संभावना है। जानकारी के अनुसार आज सुबह से ही बादल छाए हुए थे, जिस कारण दोपहर करीब 1 बजे बारिश शुरू हो गई जो देर रात तक जारी रही। भले आज बाजारों में रौनक कम रही, लेकिन पकौड़ों, जलेबियों आदि की सेल जरूर बढ़ी। निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया। अगर बारिश इसी तरह जारी रही तो यह पानी लोगों के लिए कई तरह की समस्याएं भी खड़ी कर सकता है।

क्या कहते हैं खेती विज्ञानी
सीनियर खेती विज्ञानी डा. जी.एस. रोमाना का कहना है कि आज हुई बारिश से फसलों को कोई नुक्सान नहीं, बल्कि फायदा होने की संभावना है। इतनी बारिश से कपास की फसल पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता और न ही उसकी क्वालिटी खराब होती है क्योंकि कपास गिरने की सूरत में नुक्सान हो सकता था, परन्तु तेज हवा नहीं चल रही और कपास की फसल गिरने की कोई संभावना नहीं है। बारिश का यही फायदा होगा कि सफेद मक्खी के हमले से बचाव होगा, क्योंकि सफेद मक्खी का और कोई हल नहीं। उन्होंने कहा कि अगर कपास के खेत में पानी भर जाता है तो पौधे की मजबूती कम हो जाएगी, जिस कारण वह थोड़ी-सी हवा से गिर सकता है। अगर पौधा गिर भी जाता है तो उसको खड़ा नहीं करना चाहिए, क्योंकि पौधा अपनी ताकत से ही खड़ा रह सकता है, लेकिन अगर उसको जबरन खड़ा करने की कोशिश की जाए तो वह फिर गिर जाता है। इस तरह उसकी जड़ें मिट्टी छोड़ जाती हैं। नतीजे के तौर पर पौधे की ग्रोथ बंद हो जाती है और वह सूख जाता है। अगर पौधा गिरने से उसकी जड़ें नंगी हो जाती हैं तो उसकी जड़ों को मिट्टी डालकर ढक दें। उन्होंने कहा कि अगर कपास में पानी भर जाता है तो बारिश रुकने पर पानी निकालना चाहिए, जिसके बाद प्रति एकड़ यूरिया भी कपास में डाल दें, जिससे पौधे को ताकत प्रदान होगी। धान बारे बात करते डा. रोमाना ने कहा कि धान अभी तक पका नहीं, इसलिए नुक्सान की संभावना नाममात्र ही है, बल्कि फायदा हो सकता है। अगर 2-3 दिन बारिश होती भी रही और तेज हवाएं न चलीं तो फसलों का गिरने से बचाव हो जाएगा।

कपास व धान को नुक्सान की संभावना
कपास की फसल इस समय पूरी तरह पक कर तैयार हो चुकी है और अधिकतर गांवों में चुगाई का काम भी शुरू हो चुका है। आज की बारिश ने जहां चुगाई का काम रोक दिया है, वहीं किसानों को ङ्क्षचता में डाल दिया है। बारिश के साथ तेज हवा भी चल रही है, अगर कपास व धान की फसलें बिछ जाती हैं तो किसानों का काफी नुक्सान हो सकता है। अधिकतर गांवों में अरहर आदि की खेती भी देखने को मिली है, जो लंबाई अधिक होने कारण गिरी हुई थी इसलिए किसान यही अरदास कर रहा है कि बारिश कुछ दिनों के लिए बंद रहे। 

विधायक द्वारा मुआवजे की मांग
किसानों के हक में बात करते ‘आप’ विधायक जगदेव सिंह कमालू ने कहा कि बारिश कारण फसलों का नुक्सान हो सकता है, क्योंकि मौसम विभाग के अनुसार अगले कई दिनों तक बारिश हो सकती है, इसलिए वह सरकार से मांग करते हैं कि प्रांत में गिरदावरी करवाकर किसानों का बनता मुआवजा दिया जाए।

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