अस्पताल की बड़ी लापरवाहीः 12 घंटे से लापता कोरोना Positive मरीज शोर मचाने पर 15 मिनट बाद मिला

Edited By Vatika,Updated: 10 May, 2021 04:10 PM

corona positive patient missing for 12 hours

गुरु नानक देव अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है।

अमृतसर (दलजीत): गुरु नानक देव अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल की कोरोना वार्ड में दाखिल एक पॉजिटिव मरीज 12 घंटे तक लापता रहा। मरीज के परिजनों को जब उसके लापता होने संबंधी पता चला तो उन्होंने आकर जब शोर मचाया तो अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और गायब हुए मरीज को परिजनों के आगे पेश किया गया। मरीज के मिलने के उपरांत स्टाफ द्वारा पॉजिटिव मरीज की हालत स्थिर होने का दावा करते हुए बिना आर.टी.पी.सी.आर. टैस्ट करवाए इसको परिजनों के साथ घर में भेज दिया गया। 

6 दिन पहले अस्पताल के कोरोना वार्ड में दाखिल हुआ था जोगिंदर पाल
जहां पर मरीज की हालत काफी खराब हो गई है। पुलिस प्रशासन द्वारा भी शिकायत देने के बावजूद इस मामले पर न तो कोई कार्रवाई की गई है तथा न ही शिकायत दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार सुल्तानविंड रोड के रहने वाले जोगिंदरपाल 60 वर्षीय 6 दिन पहले गुरु नानक देव अस्पताल की कोरोना वार्ड में दाखिल थे। जोगिंदर पाल का बेटा व पत्नी दोनों पॉजिटिव होने के कारण वह अकेले ही अस्पताल में उपचाराधीन थे, पिछली रात करीब 2:00 बजे से वह अस्पताल से लापता हो गए तथा आज सुबह 2:00 बजे के करीब मिले हैं। इस घटनाक्रम ने अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया है कि आखिर मैडीकल शिक्षा तथा खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी के गृह जिले में पढ़ते इस अस्पताल में कोरोना मरीजों की सुरक्षा क्यों राम भरोसे है। 

आर.टी.पी.सी.आर. टैस्ट में पाया गया था Positive
इस संबंध में ह्यूमन राइट्स वैल्फेयर एसोसिएशन के राज्य प्रधान दीपक कुमार ने बताया कि मरीज जोगिंदर पाल कुछ दिन पहले गुरु नानक देव अस्पताल में अपने जांच के लिए आए थे, उनका रैपिड टैस्ट नैगेटिव आया था, परंतु उनका जब आर.टी.पी.सी.आर. टैस्ट करवाया गया तो वह पॉजिटिव पाए गए। इस दौरान उनके बेटा तथा पत्नी भी पॉजिटिव आ गई तथा वह अकेले ही अस्पताल में उपचाराधीन थे। दीपक ने बताया कि उन्हें पता चला कि मरीज जोगिंदर पाल गत रात्रि 2:00 बजे से लापता है, तब वह मरीज के परिजनों को साथ लेकर अस्पताल पहुंचे तो देखा कि बैड खाली था तथा मरीज वहां नहीं था। उन्होंने जब अस्पताल के स्टाफ से पूछा की मरीज कहां है तो उन्होंने भी सीधा उत्तर नहीं दिया और कह दिया कि जाकर पुलिस से पूछो हमारा यह काम नहीं है, जब डॉक्टरों से पूछा कि आपने पुलिस को इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई है तो उन्होंने कहा कि पुलिस ने शिकायत नहीं ली है।

दीपक ने कहा कि जब पुलिस से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मरीज के लापता होने की शिकायत वह दर्ज नहीं करते हैं। इस दौरान जब परिजनों ने उच्चाधिकारियों से बातचीत की तो 15 मिनट के बाद ही लापता हुए जोगिंदर पाल को उनके सामने पेश कर दिया गया। जोगिंदर पाल की हालत काफी दयनीय थी, शरीर पर कोई भी कपड़ा नहीं था, सिर्फ पजामा डाला हुआ था। इस दौरान वार्ड में तैनात स्टाफ को एक उच्च अधिकारी का फोन आया कि बोला कि अब इस मरीज को घर में भेज दो, स्टाफ ने उन्हें हवाला दिया कि मरीज की हालत ठीक है, उन्हें घर ले जाओ। उनके अनुसार जब उन्होंने कहा कि उसका टैस्ट अभी भी पॉजिटिव है तथा हालत स्थिर नहीं है तो स्टाफ ने कहा कि मरीज ठीक है, उसे घर में क्वारंटाइन करो। उनके अनुसार स्टाफ द्वारा इस दौरान उनसे जबरदस्ती सरकारी दस्तावेजों पर साइन भी करवाए गए तथा मरीज को उनके साथ घर भेज दिया गया। मरीज की हालत घर जाने के बाद और भी ज्यादा खराब हो गई है। गुरु नानक देव अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा राम भरोसे हैं। कोरोना में कोई भी मरीज आसानी से अंदर आ जा सकता है। ऐसे में वायरस अधिक फैलने का और खतरा मंडरा रहा है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करवानी चाहिए।

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