Edited By Vaneet,Updated: 14 Jun, 2018 07:56 PM
कांग्रेस सरकार के बीच धीरे-धीरे धड़ेबंदी निचले स्तर पर पहुंचने लगी है। अब तो यह धड़ेबंदी विधायकों तक पहुंच गई है...
जालंधर(रविंदर): कांग्रेस सरकार के बीच धीरे-धीरे धड़ेबंदी निचले स्तर पर पहुंचने लगी है। अब तो यह धड़ेबंदी विधायकों तक पहुंच गई है। ऐसा लगने लगा है कि सरकार विधायकों को लेकर 2 धड़ों में बंट गई है। एक धड़ा है मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का तो दूसरा है सरकार के सशक्त मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का। विधायकों का एक धड़ा कैप्टन अमरेंद्र सिंह को खुश करने की तरफ बढ़ रहा है तो दूसरा धड़ा नवजोत सिंह सिद्धू के साथ खड़ा होना चाह रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा वीरवार को जालंधर में देखने को मिला।
कैप्टन अमरेंद्र सिंह और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू दोनों जालंधर में थे। सी.एम. जहां शाहकोट में जनता का धन्यवाद करने के लिए आए थे तो दूसरी तरफ अवैध कालोनियों व अवैध बिल्डिंगों के खिलाफ सिद्धू का शहर में हल्ला बोल था। विधायक पशोपेश में थे कि वे किस तरफ जाएं। वैस्ट हलके के विधायक सुशील रिंकू पूरी तरह से सी.एम. के साथ खड़े नजर आए और वह शाहकोट में सी.एम. की धन्यवाद रैली में पहुंच गए। वहीं कैंट हलके के विधायक परगट सिंह खुलकर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह के साथ खड़े नजर आए।
शहर के अन्य 2 विधायक राजिंदर बेरी और बावा हैनरी भी इस पशोपेश में थे कि वे किस तरफ जाएं। ये दोनों विधायक भी कैप्टन की धन्यवाद रैली में शाहकोट नहीं पहुंचे। ये दोनों भी सिद्धू के बुलावे का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि सिद्धू का हल्ला बोल शहर के सभी हलकों में पड़ा, मगर इन दोनों विधायकों को सिद्धू ने भी ज्यादा तरजीह न दी। सबसे हैरानी की बात यह रही कि सी.एम. जिले में हों और शहर के विधायक इस बात को इग्नोर कर जाएं, यह बात सरकार के लिए पूरी तरह से खतरे की घंटी है।
सुनवाई न होने से विधायकों में बढ़ रही है नाराजगी
दरअसल मुख्यमंत्री से विधायकों की दूरी इस बात का इशारा भी कर रही है कि वह सी.एम. की कार्यशैली से नाराज चल रहे हैं। दरअसल पिछले 14 महीनों में सरकार की ओर से विधायकों को ज्यादा तरजीह नहीं दी जा रही है। न तो विधायकों के पास कोई फंड आ रहा है और न ही शहर के विधायकों को कहीं एडजस्ट किया जा रहा है। यही नहीं जिले के दूसरी कतार के नेता भी धीरे-धीरे कैप्टन से कटने लगे हैं और वे भी कैप्टन से दूरी बनाकर चल रहे हैं।