Edited By Vaneet,Updated: 25 Feb, 2019 05:10 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की कांग्रेस सरकार का विवादों के साथ गहरा नाता रहा है....
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की कांग्रेस सरकार का विवादों के साथ गहरा नाता रहा है, इसीलिए सरकार बनने के 2 वर्षों के अंदर-अंदर इन विवादों ने कांग्रेस के चौथे मंत्री को फंसा दिया है। कांग्रेस को इतना तो विरोधी पक्ष ने नहीं घेरा, जितना उसे अपने ही मंत्रियों ने परेशान कर दिया है।
भारत भूषण आशु
लुधियाना में गैर कानूनी इमारत के चेंज ऑफ लैड यूज (सी.एल.यू.) को लेकर फंसे कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु काफी सर्खियों में हैं। यह विवाद इतना गरमा गया है कि जहां आम आदमी पार्टी ने आशु का इस्तीफा मांग लिया है, वहीं ही विधानसभा में भी यह मामला पूरे जोर-शोर के साथ उठाया गया। कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू इस मामले के लिए भारत भूषण आशु से नाराज चल रहे हैं।
राणा गुरजीत सिंह
कांग्रेस सरकार के पहले ही वर्ष ऊर्जा एवं सिंचाई विभाग मंत्री राणा गुरजीत सिंह भ्रष्टाचार के मामले में फंस गए थे, जिसके बाद उनको कैबिनेट की कुर्सी गंवानी पड़ी। पहले वह अपनी कंपनियों के कर्मचारियों को रेत की खड्डे दिलाने के मामले में फंसे। दूसरी बार वह विवादित ठेकेदार से 5 करोड़ रुपए के मामले में उलझ गए थे।
नवजोत सिंह सिद्धू
इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी हरकतों के कारण सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा और पाक फौज प्रमुख को जफ्फी डालने को लेकर भारी विवाद हुआ। यह विवाद थोड़ा ठंडा हुआ तो पुलवामा आतंकवादी घटना के बाद उनके बयान पर बवाल हो गया। पूरे देश ने उनके खिलाफ गुस्सा निकाला, जिसके बाद पंजाब कांग्रेस ने सिद्धू से किनारा कर लिया।
चरणजीत सिंह चन्नी
तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी एक महिला आई.ए.एस. अधिकारी को आपित्तजनक संदेश भेजने सम्बन्धित पूरी तरह विवादों में फंसे थे। एक बार तो माहौल ऐसा बन गया था कि उनको अपनी कुर्सी भी गवांनी पड़ सकती थी परन्तु पंचायत चुनाव को देखते हुए सरकार ने विवाद को खत्म करना ही सही समझा।