Edited By Anjna,Updated: 13 Feb, 2019 11:44 AM
गांव धूड़कोट रणसींह कलां निवासी 8 वर्षीय बच्ची हरजोत कौर पुत्री गुरचरण सिंह नजदीक गांव मैहना के एक प्राइवेट स्कूल की छात्रा थी।
मोगा(संदीप): गांव धूड़कोट रणसींह कलां निवासी 8 वर्षीय बच्ची हरजोत कौर पुत्री गुरचरण सिंह नजदीक गांव मैहना के एक प्राइवेट स्कूल की छात्रा थी। गत दिवस वह स्कूल से घर लौटने समय स्कूली बस से गिरकर घायल हो गई थी, जिसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन बच्ची ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
परिजनों ने स्कूल प्रबंधकों को ठहराया जिम्मेदार
बच्ची के पारिवारिक सदस्यों ने इस घटना का जिम्मेदार स्कूल प्रबंधकों को ठहराया। वहीं घटना में घायल हुई बच्ची को अस्पताल पहुंचाने में एम्बुलैंस को धीरे चलाने पर एम्बुलैंस ड्राइवर को भी जिम्मेदार ठहराया है। दूसरी तरफ संबंधित स्कूल प्रबंधकों व एम्बुलैंस चालक ने उन पर लगाए जा रहे आरोपों को झूठा व बेबुनियाद बताया है।
कैसे हुई घटना
घटना का शिकार हुई गांव रणसींह कलां निवासी 8 वर्षीय बच्ची हरजोत कौर के पिता गुरचरण सिंह ने बताया कि उनकी बच्ची मोगा-लुधियाना हाईवे पर गांव मैहना में स्थित प्रमुख स्कूल की दूसरी कक्षा की छात्रा थी। गत 8 फरवरी को स्कूल में छुट्टी होने के बाद बच्चों को रोजाना की तरह घर छोडऩे के लिए एक स्कूल बस में बिठाया गया। जब यह बस जिले के गांव रणसींह कलां पहुंची तो बस में ड्राइवर के अलावा बच्चे को उतारने के लिए कोई सहायक कर्मचारी न होने कारण बस से उतरने की तैयारी करते उनकी बच्ची सहित 3 बच्चे बस से नीचे गिर गए थे, जबकि उनकी बच्ची हरजोत कौर गंभीर घायल हो गई।
क्या कहना है एम्बुलैंस जिला इंचार्ज का
इस संबंधी जब 108 एम्बुलैंस के जिला इंचार्ज मोहन सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि एम्बुलैंस के रिकार्ड अनुसार बच्ची को मोगा से लगभग पूरे एक घंटे में लुधियाना के डी.एस.सी. अस्पताल पहुंचा दिया गया। उन्होंने कहा कि उनको एम्बुलैंस चालक हरदीप सिंह ने बताया था कि उसके द्वारा बच्ची की जान बचाने के लिए एम्बुलैंस को ट्रैफिक के हालातों अनुसार पूरी स्पीड पर ही चलाया गया था।