Edited By Updated: 08 Dec, 2016 12:15 PM
रकार द्वारा नोटबंदी के बाद बैंकों व ए.टी.एम्ज में कैश कम आने से लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जालंधर(महाजन): सरकार द्वारा नोटबंदी के बाद बैंकों व ए.टी.एम्ज में कैश कम आने से लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मार्कीट में कैश फ्लो कम होने से एक तरफ बिजनैस नाममात्र हो रहा है तो दूसरी तरफ सरकार लोगों को संदेश दे रही है कि देश में जल्द ही कैशलैस सिस्टम लागू किया जाएगा। हमारे देश में लगभग 30 प्रतिशत आबादी बिल्कुल अंगूठा छाप है। न तो उनका बैंक में अकाऊंट है और न ही उनको इस सिस्टम के बारे में कोई समझ है। अगर सरकार चाहती है कि विदेशों की तरह हमारे देश में यह सिस्टम लागू हो तो सबसे पहले उसे देश में पूरी तरह अनपढ़ता को दूर करना होगा।कुछ देर तक तो यह सिस्टम लागू हो सकता है परन्तु पूर्ण रूप से इसका लागू होना मुश्किल है, क्योंकि मजदूर वर्ग, रिक्शा वाले, रेहड़ी व फड़ी लगाने वाले और कई तरह के छोटे-छोटे काम करने वालों जो गरीबी रेखा से भी नीचे हैं, का काम सिर्फ कैश आने पर ही चलता है। यह सिस्टम देश में कामयाब हो सकता है या नहीं के सम्बन्ध में जालंधर के कुछ बुद्धिजीवियों की राय इस प्रकार है-
जालंधर के प्रसिद्ध उद्योपति सुभाष शर्मा के अनुसार यह सिस्टम हमारे देश में कामयाब नहीं हो सकता, क्योंकि हमारे देश में अनपढ़ता इसके मार्ग में मुख्य बाधा है। उनके अनुसार पहले ही नोटबंदी से कारोबार ठप्प है, ऊपर से यह कैशलैस सिस्टम छोटी इंडस्ट्री को खत्म कर देगा। इससे छोटे रोजगार करने वालों व मजदूर वर्ग को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उनके अनुसार बहुत ही कम लोग ई-बैंकिंग करना जानते हैं।
रोटरी क्लब जालंधर सैंट्रल की प्रथम महिला प्रधान परमजीत कौर संधू के अनुसार कैशलैस सिस्टम हमारे देश की इकोनॉमी को बेहतर बनाने के लिए बहुत ही अच्छा कदम है। सरकार को देश में से अनपढ़ता को दूर करने के लिए नए-नए स्कूल व कालेज खोलने चाहिए । उनके मुताबिक हमारी टैक्नोलॉजी भी हाईटैक होनी चाहिए ताकि इस सिस्टम को चलाने में कोई परेशानी न हो।
मैक्डोनल्ड, जी.टी. रोड जालंधर के मैनेजिंग डायरैक्टर एच.एस. ढिल्लों के मुताबिक कैशलैस सिस्टम अवश्य ही कामयाब होगा। अगर हमारे देश में आज बच्चा-बच्चा मोबाइल चला सकता है, व्हाट्सअप कर सकता है तो कैशलैस सिस्टम क्यों नहीं कामयाब हो सकता? उन्होंने कहा कि अगर नेक चंद जैसे अनपढ़ लोग चंडीगढ़ में रॉक गार्डन बना सकते हैं तो कैशलैस सिस्टम को समझना भी कोई मुश्किल काम नहीं। कोई भी अच्छी पॉलिसी जोकि देश को आगे ले जा सकती है, वह अवश्य लागू होनी चाहिए। थोड़ी-बहुत कमियों से देश को पीछे नहीं धकेला जा सकता।