मेयर के नाम को लेकर सिद्धू को इग्नोर करना कैप्टन को पड़ सकता है भारी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 10:17 AM

captain may have to shed navjot singh sidhu heavy

अमृतसर, पटियाला व जालंधर तीनों जिलों में मेयर पद के लिए नाम को लेकर एक बार फिर से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू में खटक सकती है। मेयर के नामों को लेकर जिस तरह से कैप्टन खेमा विभाग के ही मंत्री सिद्धू को...

जालंधर(रविंदर शर्मा): अमृतसर, पटियाला व जालंधर तीनों जिलों में मेयर पद के लिए नाम को लेकर एक बार फिर से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू में खटक सकती है। मेयर के नामों को लेकर जिस तरह से कैप्टन खेमा विभाग के ही मंत्री सिद्धू को इग्नोर कर रहा है उससे आने वाले दिनों में यह मामला कैप्टन के लिए भारी पड़ सकता है। कैप्टन की कार्यप्रणाली व सिद्धू को इग्नोर करने का मामला पहले ही पार्टी हाईकमान तक पहुंच चुका है जिसके कारण मेयर के नाम के ऐलान में देरी की जा रही है।

मेयर के नाम का ऐलान करने के लिए अभी तक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अगुवाई में 2 मीटिंगें हो चुकी हैं जिनमें नाम शार्टलिस्ट तक किए गए थे मगर हैरानी की बात यह रही कि दोनों ही मीटिंग्स से विभाग के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू आऊट रहे। कारण चाहे कुछ भी हो, मगर चर्चा है कि सिद्धू को कैप्टन ने मीटिंग्स में बुलाया ही नहीं। यहां तक कि न तो अभी तक मेयर के नाम को लेकर कैप्टन ने सिद्धू से कोई चर्चा की है और न ही सिद्धू से नामों का पैनल मांगा है। जिस तरह से पूरे एपीसोड में सिद्धू को कैप्टन खेमे ने इग्नोर किया है उससे आने वाले दिनों में कैप्टन खेमे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गेंद हाईकमान के पाले में जा चुकी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही कैप्टन की कार्यप्रणाली से बेहद खफा नजर आ रहे हैं।

कैप्टन के सुझाए गए नामों को राहुल गांधी एक बार वापस लौटा चुके हैं। आनन-फानन में दिल्ली से लौटते ही कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने नाम फाइनल करने के लिए आब्जर्वरों के नामों का ऐलान कर दिया जबकि कांग्रेसी हलकों में चर्चा है कि एक महीने से आब्जर्वर क्यों नियुक्त नहीं किए गए। मामला चाहे कुछ भी हो, पूरे एपीसोड को लेकर सिद्धू खेमा काफी नाराज चल रहा है और आने वाले दिनों में पार्टी के भीतर इसको लेकर खासा टकराव देखने को मिल सकता है। 

आशा कुमारी की वर्किंग से राहुल खफा
मेयर के नाम को फाइनल करने की जिम्मेदारी पार्टी हाईकमान ने पंजाब मामलों की प्रभारी आशा कुमारी को सौंपी थी मगर बतौर प्रभारी आशा कुमारी पूरे एपीसोड में हाईकमान को सही जानकारी मुहैया नहीं करवा पाई। जिस तरह से आशा कुमारी बतौर प्रभारी प्रदेश के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह की हां में हां मिलाती नजर आईं उससे राहुल गांधी बेहद खफा नजर आ रहे हैं। आने वाले दिनों में इसकी गाज आशा कुमारी पर गिरना तय है। 

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