कैप्टन सरकार निष्क्रिय, सिद्धू व मनप्रीत में मुख्यमंत्री बनने की दौड़:श्वेत मलिक

Edited By Sonia Goswami,Updated: 07 Apr, 2018 03:33 PM

captain government inactive sidhu and manpreet to become chief minister

भाजपा द्वारा पंजाब इकाई के नए बनाए गए प्रधान श्वेत मलिक ने कहा है कि पंजाब में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है और पिछले एक साल से राज्य की सत्ता अफसरशाही चला रही है।

अमृतसरः भाजपा द्वारा पंजाब इकाई के नए बनाए गए प्रधान श्वेत मलिक ने कहा है कि पंजाब में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है और पिछले एक साल से राज्य की सत्ता अफसरशाही चला रही है। लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं और इसका खमियाजा कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भुगतना पड़ेगा। पंजाब केसरी के संवाददाता रमनदीप सिंह सोढी के साथ विशेष बातचीत में श्वेत मलिक ने कहा कि वह पार्टी द्वारा सौंपी गई नई जिम्मेदारी को पूरी मेहनत व लगन से निभाएंगे। पेश हैं श्वेत मलिक के साथ बातचीत का पूरा ब्यौरा:


प्रश्र : पंजाब में भाजपा की स्थिति बहुत कमजोर है। इसे पुराना गौरव कैसे दिलाएंगे?
उत्तर : भाजपा का कार्यकत्र्ता कर्मठ है। वह दुनिया का सबसे बेहतरीन व राष्ट्रभक्त कार्यकत्र्ता है। वह सत्ता के लिए नहीं सेवा के लिए राजनीति करता है। पार्टी ने मुझे ऐसे कार्यकत्र्ताओं की फौज का कमांडर बताया है। मैं नियमित तौर पर कार्यकत्र्ताओं के साथ संवाद करके सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने का काम करूंगा और कार्यकत्र्ताओं की मदद से ही पार्टी को मजबूत करूंगा।

 

प्रश्र : आप राज्यसभा सदस्य भी हैं, 2 जिम्मेदारियां कैसे संभालेंगे? कांग्रेस और ‘आप’ का यह प्रयोग सफल नहीं रहा है?
उत्तर : मैं कांग्रेस के अध्यक्ष व सांसद सुनील जाखड़ और आम आदमी पार्टी के सांसद व पंजाब प्रधान भगवंत मान के बारे में ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन भाजपा में यह प्रयोग सफल रहा है। उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी थे और सांसद भी। उनके अध्यक्ष रहते ही भाजपा ने उत्तर प्रदेश में जबरदस्त बहुमत हासिल किया और वह राज्य के उपमुख्यमंत्री भी बने। मैं भी पार्टी की मजबूती के लिए पूरी मेहनत व लगन के साथ काम करूंगा व पार्टी को 2019 में सफलता जरूर दिलाऊंगा।

 

प्रश्र : अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल का आरोप है कि भाजपा सहयोगियों को सम्मान नहीं दे रही? आप अकाली दल के साथ कैसे तालमेल करेंगे?
उत्तर : अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल व उनकी पार्टी के साथ भाजपा का पुराना रिश्ता है। उन्होंने कई अहम मौकों पर बिना शर्त भाजपा को समर्थन दिया है। मैं नरेश गुजराल द्वारा की गई टिप्पणी को उनकी निजी राय मानता हूं और अकाली दल के साथ तालमेल करके 2019 के लोकसभा चुनाव में हम पंजाब की सारी 13 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेंगे।

 

प्रश्र: मनप्रीत बादल कहते हैं कि पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने राज्य की वित्तीय हालत ज्यादा खस्ता कर दी थी, लिहाजा कांग्रेस काम नहीं कर पा रही। आप क्या कहेंगे?
उत्तर : मनप्रीत बादल अकाली-भाजपा सरकार के समय भी फेल वित्त मंत्री थे और वह अब भी फेल वित्त मंत्री हैं। मेरी उन्हें सलाह है कि वह बहाने बनाना छोड़ें और जनता को काम करके दिखाएं। यदि सरकार के पास पैसे नहीं थे तो चुनाव से पूर्व जनता के साथ इतने बड़े वायदे क्या सोचकर किए गए हैं। दरअसल मनप्रीत बादल का ध्यान काम पर नहीं है। पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह काम नहीं कर रहे और सारी सरकार अफसरशाही चला रही है। पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और मनप्रीत बादल के बीच सी.एम. बनने की दौड़ लगी है, लिहाजा सरकार का कामकाज ठप्प पड़ा हुआ है। 

 

प्रश्र : श्री दरबार साहिब में लगने वाले लंगर पर लगाए गए जी.एस.टी. से राहत दिलाने के लिए आप क्या प्रयास कर रहे हैं?
उत्तर : यह धार्मिक आस्था एवं श्रद्धा का विषय है। मैं इस मामले में वित्त मंत्री अरुण जेतली के साथ बात करूंगा। उन्होंने अतीत में मेरे द्वारा उठाए गए कई मुद्दों का समाधान निकाला है। जी.एस.टी. कौंसिल एक स्वायत्त संस्था है और कौंसिल के सदस्य आपसी सहमति के साथ मिलकर फैसले लेते हैं। इसकी रूटीन में बैठकें चलती रहती हैं। यदि इस मुद्दे पर भी आपसी सहमति बन गई तो इसमें राहत जरूर मिलेगी।

 

प्रश्र : पंजाब में भाजपा की गुटबंदी खत्म करने के लिए क्या करेंगे?
उत्तर : मैं पिछले 25 साल से राजनीति में हूं और राज्य के सारे पुराने अध्यक्षों के साथ मेरे मधुर संबंध हैं। मैं सबके साथ मिल-बैठकर आपसी सहमति के साथ मुद्दों का समाधान करने की कोशिश करूंगा। 

 

प्रश्र : कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ने कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद पैट्रोल महंगा किया है। आप क्या कहेंगे?
उत्तर : कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। देश के सारे राज्यों से कांग्रेस उखड़ चुकी है और मई में कर्नाटक में भी कांग्रेस की सरकार नहीं रहेगी। पंजाब में भी यह सरकार अपने बोझ से ही गिर जाएगी। सरकार का एक मंत्री रेत घोटाले में पहले ही कुर्सी गंवा चुका है। अब कई और मंत्रियों का भी नंबर आने वाला है। पंजाब में लगाए गए नए करों से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं और मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह व कांग्रेस नेता नीरो की तरह बांसुरी बजा रहे हैं। कांग्रेस को इस बात का इल्म नहीं है कि 2019 में पंजाब के लोग उसकी बांसुरी बजा देंगे।

 

प्रश्न: क्या सिद्धू के जाने का भाजपा को नुक्सान हुआ है?
उत्तर : नवजोत सिंह सिद्धू को भाजपा ने सांसद बनाया। पार्टी के कार्यकत्र्ताओं की मेहनत की बदौलत वह जीते, उनकी पत्नी को पार्टी ने विधायक बनाया लेकिन उन्होंने निजी हितों की खातिर पार्टी के साथ धोखा किया। अब कांग्रेस में उनका क्या हाल हो रहा है। वह कांग्रेस में भी संतुष्ट नहीं हैं। कांग्रेस में चौधरी जगजीत सिंह के स्थानीय निकाय मंत्री रहते शहरों के मेयर के चयन में मंत्री का पूरा योगदान होता था। यही परम्परा भाजपा में भी रही और स्थानीय निकाय मंत्री को पूरा सम्मान मिलता रहा लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू के विभाग में मेयर की नियुक्ति से पहले उन्हें पूछा भी नहीं जा रहा। सिद्धू को आत्मङ्क्षचतन की जरूरत है। जिस तरह से नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस के अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्षा व गांधी परिवार की चापलूसी की है उससे उनका असली किरदार सामने आ गया है। वह कम से कम अपने शे’र तो बदल लेते। उनका अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं है। भाजपा एक समुद्र है, नवजोत सिंह सिद्धू उस समुद्र में एक छोटे नदी-नाले की तरह थे। इससे समुद्र को कोई फर्क नहीं पड़ता।

 

प्रश्र : पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली को कितने नंबर देंगे?
उत्तर : नंबर मैं क्या दूंगा, नंबर तो प्रताप सिंह बाजवा व उनके मंत्री खुद दे रहे हैं। बाजवा सरकार को मुश्किल से पास बताते हैं तो कोई मंत्री कहता है कि यदि मेरे पास पुलिस हो तो मैं यह कर दूंगा। कोई मंत्री कहता है कि मेरे पास खनन विभाग हो तो मैं तस्वीर बदल दूंगा। इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री कोई काम नहीं कर रहे और सरकार राम भरोसे चल रही है।

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