Edited By Updated: 20 May, 2017 09:01 AM
पंजाब में विधानसभा चुनावों से पूर्व कांग्रेस पार्टी की तरफ से व्यापारियों व उद्योगपतियों के साथ किए गए वादे कैप्टन अमरेंद्र सिंह को याद
जालंधर (पाहवा): पंजाब में विधानसभा चुनावों से पूर्व कांग्रेस पार्टी की तरफ से व्यापारियों व उद्योगपतियों के साथ किए गए वादे कैप्टन अमरेंद्र सिंह को याद करवाने के लिए व्यापारियों का एक समूह मुख्यमंत्री से मिलेगा। जानकारी अनुसार 23 मई को चंडीगढ़ में यह मुलाकात फिक्स की गई है। फैडरेशन ऑफ जालंधर इंडस्ट्रियल एंड ट्ऱेडर्का एसोसिएशन के नेतृत्व में राज्य के व्यापारी व उद्योगपति अपनी समस्या मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरशरण सिंह ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में कई वादे किए गए थे लेकिन उन पर अभी अमल नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि उलटा राज्य में ब्यूरोक्रेसी को उद्योगों पर हावी किया जा रहा है।हाल ही में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उद्योगों के लिए जमीन के नीचे से पानी निकालने से पहले अनुमति लेने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि बिना पानी के उद्योगों में काम संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारी पैनल्टी भी रखी गई है। इसके साथ ही राज्य के व्यापारी व उद्योगपति जी.एस.टी. लागू होने से पहले वैट की व्यवस्था में चल रही समस्याओं को हल करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि रिफंड तथा सी-फार्म ऐसे मसले हैं जिन्हें जी.एस.टी. लागू करने से पहले-पहले निपटा लिया जाएगा तो व्यापारी व उद्योगपति आसानी से नई कर व्यवस्था में काम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि सी-फार्म जारी करने में पंजाब की खुद की हालत खराब है, दूसरे राज्यों में भी हालत ऐसे ही चल रही है जिस कारण सी-फार्म लाना काफी बड़ी समस्या है इसीलिए वे लोग कैप्टन से मांग करने जा रहे हैं कि सी-फार्म के लिए सैटलमैंट स्कीम लाकर पुरानी असैसमैंट के केसों को समाप्त किया जाए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में भी इस प्रकार की स्कीम सरकार ने जारी की थी जिसमें प्रति लाख रुपए के सी-फार्म के 100 रुपए सरकारी शुल्क लिया गया था तथा इसके बदले में बिना सी-फार्म के असैसमैंट कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की व्यवस्था से व्यापारी वर्ग को राहत होगी तथा वह आसानी से जी.एस.टी. को स्वीकार कर पाएगा। इसके अतिरिक्त व्यापारी व उद्योगपति कैप्टन को वह वादा भी याद करवाने जा रहे हैं जिसमें उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मुहैया करवाने का घोषणा पत्र में कहा गया था। इसके अतिरिक्त सिंगल विंडो सिस्टम व्यवस्था को लागू करने की मांग भी रखी जाएगी। गुरशरण सिंह ने कहा कि सरकार को कर व्यवस्था आसान करनी चाहिए, अगर कर व्यवस्था आसान होगी तो व्यापारी खुद कर देगा तथा उसे कोई दिक्कत नहीं होगी।