Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 12:24 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने वन विभाग में अनियमितताओं की कमी का गुसा विभागीय अफसरशाही पर झाड़ा है।
चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने वन विभाग में अनियमितताओं की कमी का गुसा विभागीय अफसरशाही पर झाड़ा है। तबादलों, तायनातियों, वृक्षों की नाजायज कटाई और कार्यप्रणाली में अन्य कथित अनिमितताअों का नोटिस लेते मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने तत्काल प्रभाव से विभाग के कई उच्च आधिकारियों को अपनी, जिम्मेदारियों से एक तरफ कर दिया है।
पता चला है कि मुख्यमंत्री अनियमितताओं की जांच का अादेश भी दे सकते हैं। रिपोर्ट है कि यह फैसला लेते समय वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को भी भरोसो में नहीं लिया गया।
पिछली अकाली -भाजपा गठबंधन सरकार समय नियुक्त उच्च आधिकारियों को बरकरार रखने वाले धरमसोत ने खुद को भरोसो में न लेने से जोरदार ढंग के साथ इन्कार करते इन तबादलों को अहमीयत न देने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि कैप्टन सूबे के नेता हैं। वह किसी भी तबादले का अादेश दे सकते हैं। मुख्यमंत्री की तरफ से कार्रवाई की गंभीरता का अंदाजा इन बातों लगाया जा सकता है कि विभागीय प्रमुख वन विभाग के प्रमुख मुख्य वनपाल डा. कुलदीप कुमार और उस के अफसरों की टीम को बदल दिया गया है। वन मंत्री के ओ.एस.डी. और पटियाला जंगली जीव डिवीजन के डिप्टी रेंजर चमकौर सिंह की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
पहले तैनात आधिकारियों को अब नई स्थानों पर तैनात किया गया है। इन में पंजाब राज जंगलात विकास निगम के मैनेजिंग डायरैक्टर जतिन्दर शर्मा को डा. कुलदीप कुमार की जगह विभाग का नया प्रमुख लगाया गया है। डा. कुलदीप कुमार को प्रमुख मुख्य वनपाल जंगलात (जंगली जीव) बनाया गया है। डा. कुमार के जूनियर अधिकारी धनेंदर कुमार को जंगलात विकास निगम का मैनेजिंग डायरैक्टर बनाया गया है।