कैग की रिपोर्ट : पिछली सरकार की आमदन रही अठन्नी, खर्चा रुपया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Mar, 2018 10:46 AM

एक तरफ जहां शिरोमणी अकाली दल  कांग्रेस सरकार के खिलाफ पोल खोल रैलियां कर रहा है। वहीं  दूसरी तरफ कैग की रिपोर्ट ने पिछली बादल सरकार की पोल खोलकर रख दी है। वीरवार को विधानसभा में कैग ने 2016 -17 के हिसाब-किताब की रिपोर्ट पेश की है।

जालंधरः एक तरफ जहां शिरोमणी अकाली दल  कांग्रेस सरकार के खिलाफ पोल खोल रैलियां कर रहा है। वहीं  दूसरी तरफ कैग की रिपोर्ट ने पिछली बादल सरकार की पोल खोलकर रख दी है। वीरवार को विधानसभा में कैग ने 2016 -17 के हिसाब-किताब की रिपोर्ट पेश की है।

इस रिपोर्ट ने पिछली सरकार को सवालों के कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।  रिपोर्ट के अनुसार  बादल सरकार का ज्यादातर ध्यान फालतू के खर्च करके अपनी प्रशंसा करवाने में ही रहा। इसके चलते सरकार की 'आमदन अठन्नी और खर्चा रुपया' रहा। पंजाब भर में चलाईं गई एल.ई डी.वैन पर ही 13 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। सरकार की इसी फिजूल खर्ची के कारण 2013 से 2017 तक के 4 सालों में पंजाब के सिर पर कर्ज 92 हजार 282 करोड़ से बढ़कर एक लाख 82 हजार 526 करोड़ तक पहुंच गया । बादल सरकार के राज में माफिया का भी खूब बोलबाला रहा। बात चाहे केबल माफिया की हो,.शराब माफिया की या फिर ट्रांसपोर्ट माफिया की। अकाली -भाजपा सरकार ने इन कारोबारियों को मोटा लाभ पहुंचाया।  आइए, अब नजर मारते हैं कैग की रिपोर्ट पर ....

 विज्ञापनों पर ही रहा ध्यान

कैग की रिपोर्ट के अनुसार पिछली सरकार ने सरकारी विज्ञापनों में सिर्फ बादलों को ही प्रमोट किया। 2015 से 2017 तक बादल सरकार ने विज्ञापनों पर कुल 236 करोड़ 73 लाख रुपए खर्च किए। अकेले चुनावी साल में ही 185 करोड़ रुपए खर्च किए गए। जून 2016 से अक्तूबर 2016 तक सरकार ने निर्धारित मदों से हटकर मनमर्जी से 1425 करोड़ रुपए खर्च किए। 

कैंसर स्कीमों के नाम पर गोलमाल 
पिछली सरकार की तरफ से कैंसर पर काबू पाने के लिए चलाई गई एन.पी. सी. डी. सी.एस . और एस.एस.पी.सी.आर.के.एस. दोनों ही स्कीमों में खामियां रहीं। बिना किसी प्लानिंग के ही सरकार ने 2.79 करोड़ रुपए गलत ढंग से खर्च कर डाले।

पोस्ट मैट्रिक स्कीम में घोटाला 
एस.सी. - बी. सी. कल्याण विभाग की तरफ से 2013 से 2016 दौरान करीब 50 हजार विद्यार्थियों के स्टडी टूर के लिए 7.91 की बजाए 33 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए।

 गमाडा की नाकामी
आडिट रिपोर्ट में ग्रेटर मोहाली डिवैल्लपमैंट अथॉरिटी (गमाडा) की नाकामी का भी ज़िक्र है। 201 फ्लैटों के निर्माण की बजाय गमाडा ने 289.88 करोड़ रुपए दूसरे कामों पर  खर्च किए।

सामाजिक सुरक्षा फंड में हेर-फेर
कैग की रिपोर्ट मुताबिक सरकार की तरफ से वसूले जाते सामाजिक सुरक्षा फंड में भी बड़ा हेर-फेर हुआ है। अलग -अलग जिलों में 114.27 करोड़ के सामाजिक सुरक्षा फंड की जगह सिर्फ 27.83 करोड़ रुपए के फंड ही वसूले गए।

अवैध माइनिंग  
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पिछली सरकार अवैध माइनिंग पर भी लगाम नहीं लगा पाई । सरकार ने न तो पंजाब में होती माइनिंग की चैकिंग की और ना ही ठेकेदारों से करोड़ों रुपए वसूल किए ।

नशों के मुद्दे पर भी फैल रही सरकार 
कैग की रिपोर्ट के अनुसार बादल सरकार के नारकोटिकस कंट्रोल ब्यूरो ने 5 सालों की योजना 3 साल बीतने के बाद तैयार की, जिसके  कारण सूबा सरकार केंद्र की तरफ से दिए जाने वाले 15 करोड़ रुपए से महरूम रही। इसके इलावा नशे के मामले में पकड़े गए आरोपियों में से 70 प्रतिशत सबूतों की कमी के कारण बच निकले। 

टैक्स वसूली में ढील 
रिपोर्ट के अनुसार पिछली बादल सरकार टैक्स वसूली में भी नाकाम रही। शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के चक्कर में सरकार ने 46.12 करोड़ की टैक्स वसूली में ढील बरती। इतना ही नहीं, गौ सैस के तौर पर 9.27 करोड़ की वसूली भी नहीं की गई। 

ज्यादातर योजनाएं अधूरी 
2008 -9 और 2016 -17 में पूरे होने वाले 12 प्राजैकट सिरे नहीं चढ़ पाए ना ही इन प्रोजेक्टों पर खर्ची गई 328.35 करोड़ की रकम का कोई हिसाब मिला।  संस्कृतिक मामलों में भी खर्च किए जाने वाले 269.11 करोड़ रुपए में से 263.40 सिर्फ विभाग की मीटिंगों पर ही उड़ा दिए गए। 

 कारोबारियों को लाभ देने के लिए नियमों का उल्लंघन 
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछली सरकार ने कुछ ट्रांसपोर्टरों और केबल माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए सभी नियमों को ताक पर रख दिया। 
 

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