Property खरीदना हुआ महंगा, आज से कलैक्टर रेट में 5 प्रतिशत की बढ़ौतरी

Edited By Vatika,Updated: 01 Apr, 2021 01:22 PM

buying property becomes expensive

जालंधर में अब प्रापर्टी खरीदना महंगा हो गया है क्योंकि जिला प्रशासन ने कल से रिहायशी, कमर्शियल, एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रीयल सहित हरेक प्रकार की प्रापर्टी पर फ्लैट 5 प्रतिशत रेट बढ़ा दिए हैं।

जालंधर (चोपड़ा): जालंधर में अब प्रापर्टी खरीदना महंगा हो गया है क्योंकि जिला प्रशासन ने कल से रिहायशी, कमर्शियल, एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रीयल सहित हरेक प्रकार की प्रापर्टी पर फ्लैट 5 प्रतिशत रेट बढ़ा दिए हैं। जिक्रयोग्य है कि सरकार के रैवेन्यू में बढ़ौतरी को लेकर पिछले कई सप्ताहों से कलैक्टर रेटों को रिवाइज करने को लेकर रैवेन्यू अधिकारी काम कर रहे थे। शहरी व देहाती एरिया की प्रापर्टी के रेटों को रिवाइज करने को लेकर कई प्रपोजलों को देखते हुए आखिरकार डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने जिले भर की हरेक प्रापर्टी की रजिस्ट्री पर कलैक्टर रेटों में एकदम 5 प्रतिशत वृद्धि करने के आदेश जारी कर दिए हैं। डिप्टी कमिश्नर के आदेशों के बाद सब रजिस्ट्रार-1 और सब रजिस्ट्रार-2 तहसील से संबंधित सभी एरिया में नए कलैक्टर रेट अब लागू कर दिए गए हैं, जिसके उपरांत लोगों को प्रापर्टी सबंधी रजिस्ट्री करवाने पर पहले से अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे। जिक्रयोग्य है कि जिला प्रशासन हरेक वर्ष क्लैक्टर रेट को रिवाइज करता रहा है परंतु कोविड-19 महामारी के कारण जनता को राहत देने को लेकर पिछले वर्ष कलैक्टर रेटों में कोई वृद्धि नहीं की गई थी।

नए क्लैक्टर रेट का गणित, रजिस्ट्री और पी.आई.डी.बी. फीस का बोझ बढ़ा
कलैक्टर
 रेटों से महंगी हुई रजिस्ट्री का अंदाजा इस ढंग से लगाया जा सकता है कि अगर किसी रिहायशी इलाके में प्रापर्टी के क्लैक्टर रेट पहले 1 लाख रुपए मरला थे और 5 मरला तक के प्लाट के 5 लाख रुपए पर पहले कलैक्टर रेट के मुताबिक 30000 रुपए की स्टांप ड्यूटी लगती थी परंतु अब स्टांप ड्यूटी बढ़कर 31500 रुपए हो जाएगी। इसी प्रकार रजिस्ट्री फीस इतनी रकम की प्रापर्टी पर 5000 रुपए होती थी, अब 5250 रुपए अदा करनी होगी। इसके अलावा पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर डिवैल्पमैंट बोर्ड फीस (पी.आई.डी.बी.) भी 5000 से बढ़कर 5250 रुपए हो गई है जिस पर हरेक प्रापर्टी खरीदार को 5 लाख तक के प्लाट की रजिस्ट्री करवाने को लेकर पहले जहां 40000 रुपए अदा करने होते थे वहीं अब नए क्लैक्टर रेट पर 2000 रुपए ज्यादा के हिसाब से 42000 रुपए सरकार को देने होंगे।

कलैक्टर रेट बढ़ने से करीब 8 करोड़ रुपए वार्षिक की आमदनी बढ़ेगी
जिले 
में क्लैक्टर रेट के बढ़ने से सरकार को करीब 8 करोड़ रुपए आमदनी के बढ़ने का अंदाजा है। चूंकि वर्ष 2019-2020 के वित्तीय वर्ष में सरकार को जिले भर से 155 करोड़ रुपए स्टांप डयूटी, रजिस्ट्री फीस और पी.आई.डी.बी. फीस के मार्फत राजस्व एकत्रित हुआ था और अगर विगत वित्तीय वर्ष की आमदनी को 5 प्रतिशत क्लैक्टर रेट के साथ गुणा किया जाए तो सरकार को जमीनों की रजिस्ट्रियों से करीब 8 करोड़ की अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी।

सब रजिस्ट्रार-1 और 2 से संबंधित 17 एरिया के कलैक्टर रेटों की भिन्नता को भी किया एक समान
डिप्टी 
कमिश्नर द्वारा नए क्लैक्टर रेट लागू करने के दौरान सब-रजिस्ट्रार-1 और सब-रजिस्ट्रार-1 के अधिकार क्षेत्रों के अंतर्गत आते 17 ऐसे एरिया के कलैक्टर रेट की असमानता को भी खत्म करते हुए दोनों तहसीलों के अधीन आते ऐसे एरिया में कलैक्टर रेट एक समान कर दिए हैं। शहर से संबंधित इन 17 एरिया में शामिल आदर्श नगर, जे.पी. नगर, एफ.सी.आई. कालोनी, गुरु गोबिंद सिंह नगर, अवतार नगर, शहीद बाबू लाभ सिंह नगर, हरदेव नगर, नई सब्जी मंडी, फोकल प्वाइंट, कालिया कालोनी, राज नगर, मधुबन कालोनी, ट्रांसपोर्ट नगर, विजय नगर, निजात्म नगर, बस्तियां रोड व इंडस्ट्रीयल यूनिट के एरिया ऐसे हैं जिनका कुछ हिस्सा सब रजिस्ट्रार-1 और कुछ हिस्सा सब-रजिस्ट्रार-2 के अधिकार क्षेत्र में आता है, परंतु दो तहसीलों में आने के कारण एक ही कालोनी में शामिल रिहायशी और कमर्शियल के कलैक्टर रेट में खासा अंतर था। इस कारण कुछ लोग अर्जीनवीसों से मिलीभगत करके सब-रजिस्ट्रार-1 से संबंधित क्षेत्र की रजिस्ट्री सब-रजिस्ट्रार -2 के अधिकार क्षेत्र का कहकर करवा लेते थे जिस कारण सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा था, परंतु डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने ऐसे सभी एरिया के कमर्शियल और रैजीडैंशियल कलैक्टर रेटों में पाई जाने वाले असमानताओं को खत्म करने को लेकर दोनों तहसीलों के क्लैक्टर रेट एक समान कर दिए हैं। इस फैसले के अनुरूप कुछ एरिया में 323000 और कुछ में 400 रुपए मरला तक के कलैक्टर रेट में वृद्धि हुई है। जैसे कि बस्तियां रोड जोकि सब रजिस्ट्रार-1 और 2 दोनों के बीच आती है जहां कलैक्टर रेटों में भारी भिन्नता है। बस्तियां रोड में रैजीडैंशियल प्रापर्टी का सब रजिस्ट्रार-1 में कलैक्टर रेट 484500 रुपए और कमर्शियल प्रापर्टी का कलैक्टर रेट 726800 रुपए था जबकि इसी एरिया का जो हिस्सा सब रजिस्ट्रार-2 के अधिकार क्षेत्र में आता है, वहां रिहायशी प्रापर्टी का क्लैक्टर रेट 161500 और कमर्शियल प्रापर्टी का रेट मात्र 403800 था परंतु डिप्टी कमिश्नर ने एक एरिया में 2-2 कलैक्टर रेटों में भारी अंतर को खत्म करते हुए सब-रजिस्ट्रार-2 के अंतर्गत आते बस्तियां रोड के रिहायशी और कमर्शियल कलैक्टर रेटों में 323000 की वृद्धि करके तहसील-1 के समानांतर कर दिए हैं। इसी प्रकार बाकी अन्य 16 क्षत्रों में विभिन्न स्तर पर कलैक्टर रेट में वृद्धि करते हुए उन्हें एक समान कर दिया गया है।

नए कलैक्टर रेटों से पहले ही कोरोना काल की मार झेल रहे प्रापर्टी व्यवसाय में बढ़ेगी मंदी : इकबाल सिंह अरनेजा
शहर 
के रियल एस्टेट कारोबारी इकबाल सिंह अरनेजा (सैफरन मॉल) ने कहा कि प्रापर्टी कारोबार पिछले कुछ वर्षों में मंदी की मार झेेल रहा है परंतु कोरोना काल के चलते पिछले 1 वर्ष में प्रापर्टी व्यवसाय की कमर टूट चुकी है। अरनेजा ने कहा कि अब नए कलैक्टर रेटों के कारण प्रापर्टी व्यवसाय और भी बुरे दौर से गुजरेगा। उन्होंने कहा कि सीमैंट, सरिया, स्टील, रेत व बजरी सहित हरेक वस्तु पर मंहगाई की मार पड़ी है जिस कारण आम जन के लिए अपना घर बनाना एक सपना-सा हो गया है। उन्होंने कहा कि मिडल क्लास परिवार नए घर बनाने को लेकर अपने कदम पीछे खींच रहा है, ऐसे में सरकार को चाहिए था कि जनता को कलैक्टर रेटों में कुछ रियायत देती परंतु उलटा नए क्लैक्टर रेटों से जनता की दिक्कतें और भी बढ़ जाएंगी।

 

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