Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Dec, 2017 09:26 AM
विजीलैंस ब्यूरो जालंधर रेंज के एस.एस.पी. के निर्देशों से आज विभागीय टीम ने डी.एस.पी. सतपाल सिंह की अगुवाई में सचिव ए.आर.टी.ए. होशियारपुर प्यारा सिंह को गिरफ्तार किया। विजीलैंस अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले प्यारा सिंह के साथ बतौर ड्राइवर तैनात...
जालंधर(बुलंद, प्रीत) : विजीलैंस ब्यूरो जालंधर रेंज के एस.एस.पी. के निर्देशों से आज विभागीय टीम ने डी.एस.पी. सतपाल सिंह की अगुवाई में सचिव ए.आर.टी.ए. होशियारपुर प्यारा सिंह को गिरफ्तार किया। विजीलैंस अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले प्यारा सिंह के साथ बतौर ड्राइवर तैनात ए.एस.आई. रमेश चंद्र हैप्पी को विजीलैंस ने खन्ना (लुधियाना) के एक ट्रांसपोर्टर से नजदीकी गांव जंडूसिंघा में डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। हैप्पी की शिकायत सुक्खी ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक सुखमिंद्र सिंह सुखी ने विजीलैंस से की थी, जिसके बाद ट्रैप लगाकर हैप्पी को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा गया था। उस पर 7.11.17 को मुकद्दमा नंबर 25 दर्ज किया गया था।पकड़े गए हैप्पी ने पुलिस जांच के दौरान बताया कि वह प्यारा सिंह ए.आर.टी.ए. के साथ ड्राइवर को तौर पर तैनात था और उक्त अधिकारी के लिए रिश्वत की कलैक्शन का काम करता था। हैप्पी ने यह भी बताया कि उसे तो कलैक्ट की गई रिश्वत का कम हिस्सा मिलता था, ज्यादा तो प्यारा सिंह खुद रखता था। विजीलैंस जांच में पाया गया कि हैप्पी के पीछे असल में प्यारा सिंह रिश्वतखोरी के लिए दोषी है। इसलिए विजीलैंस विभाग द्वारा केस में धारा 120-बी जोड़ते हुए आज प्यारा सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। दर्ज किए गए केस में लिखा गया कि प्यारा सिंह के साथ कार्यरत ड्राइवर हैप्पी प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों से महीना इकट्ठा करता था और सारे पैसे प्यारा सिंह को जाकर देता था।
हैप्पी के घर से मिला था भारी माल, तभी हुआ अधिकारी पर शक
ए.आर.टी.ए. प्यारा सिंह के ड्राइवर को जब विजीलैंस ने 7 नवम्बर को गिरफ्तार किया था तो इसके जालंधर के बस्ती बावा खेल इलाके में स्थित घर में पुलिस ने छापामारी की थी। जिसमें सवा 6 लाख रुपए नकदी, 6500 रुपए की पुरानी करंसी, &00 यूरो विदेशी करंसी, 1980 अमरीकन डॉलर, 195 मलेशियन रिंगिट और कई बैंकों के चैक भरे व खाली बरामद हुए थे। इसके साथ ही 10 बैंकों की पासबुकें, 2 बीमा पॉलिसियां, एक कार भी जब्त की गई थी। इसके अलावा जांच में यह भी पाया गया कि हैप्पी की शहर के आस-पास की कालोनियों में बेनामी करोड़ों की सम्पत्ति है।
क्या प्यारा सिंह के कई राजदार भी आएंगे शिकंजे में
मामले बारे ट्रांसपोर्ट विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चाहे विजीलैंस ने हैप्पी के जरिए प्यारा सिंह पर शिकंजा कस दिया है पर क्या प्यारा सिंह ही आखिरी सीढ़ी है, यह बड़ा सवाल है। विभागीय जानकार बताते हैं कि जैसे हैप्पी का आका प्यारा सिंह है वैसे ही प्यारा सिंह के कई राजदार आका हैं जिन तक प्यारा सिंह की तरफ से वसूली गई रिश्वत का बड़ा हिस्सा पहुंचता था। जानकारों के अनुसार प्यारा सिंह एक माह में कथित तौर पर करोड़ों रुपए की रिश्वत बटोरता था। जिसे वह कई जगहों तक पहुंचाता था। ट्रांसपोर्ट विभाग के सूत्रों का कहना है कि अगर विजीलैंस विभाग बिना किसी दबाव के सारे केस की जांच करे तो कई ऐसे सफेदपोशों और अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं जो इस सारे रिश्वत कांड के सूत्रधार बनकर सामने आ सकते हैं।
अमीरजादे कर्मचारियों की बिना शिकायत के हो जांच : सहगल
मामले बारे कांग्रेसी नेता संजय सहगल का कहना है कि अकाली-भाजपा के राज में हैप्पी और प्यारा सिंह जैसे अनेकों कर्मचारियों ने रिश्वत के जरिए करोड़ों रुपए इकट्ठे किए हैं और अनगिनत बेनामी संपत्तियां भी बनाई हैं। संजय ने कहा कि कांग्रेस अपने लैवल पर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तैयार करने में लगी है जो विजीलैंस को सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि विजीलैंस को शिकायतों का इंतजार नहीं करना चाहिए बल्कि खुफिया जानकारी के जरिए अमीरजादे सरकारी कर्मचारियों की जांच करनी चाहिए कि कुछ हजार रुपए वेतन लेने वाले कर्मचारी कैसे करोड़पति बने हुए हैं और इन पर नकेल कसकर भ्रष्टाचार खत्म करना चाहिए।उधर मामले बारे एस.एस.पी. विजीलैंस दलजिंद्र सिंह ढिल्लों से बात की तो उन्होंने कहा कि बार-बार सरकारी दफ्तरों में चेतावनी दी जाती रही है कि सरकारी कर्मचारी अगर प्राइवेट कारिंदों के जरिए रिश्वत लेते पाए गए तो उन्हें भी साथ ही गिरफ्तार किया जाएगा। पर इसके बावजूद सरकारी दफ्तरों में प्राइवेट कारिंदों के जरिए रिश्वत लेने के केस सामने आ रहे हैं, जिनके खिलाफ विजीलैंस विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है। प्यारा सिंह को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसका 5 दिन का पुलिस रिमांड मिला है।