Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Nov, 2017 11:14 AM
वैसे तो पंजाब पुलिस अपने कारनामों को लेकर हर जगह मशहूर है, पुलिस विभाग में लापरवाही यदि पुलिस जवान न करे तो यह बात किसी को हजम नहीं होती। ऐसा ही एक मामला उस समय सामने आया जब फिल्लौर थाने में तैनात हैड-कांस्टेबल की गलती से शवगृह में एक शव ही कम हो...
जालंधर (शौरी): वैसे तो पंजाब पुलिस अपने कारनामों को लेकर हर जगह मशहूर है, पुलिस विभाग में लापरवाही यदि पुलिस जवान न करे तो यह बात किसी को हजम नहीं होती। ऐसा ही एक मामला उस समय सामने आया जब फिल्लौर थाने में तैनात हैड-कांस्टेबल की गलती से शवगृह में एक शव ही कम हो गया, जिससे शवगृह में तैनात स्टाफ में भगदड़ मच गई।
जानकारी के मुताबिक फिल्लौर के अधीन आते गांव अट्टी में विदेश से आए एन.आर.आई. की संदिग्धावस्था में मौत हो गई। मृतक बलबीर सिंह पुत्र साधु सिंह के शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए पुलिस अधिकारियों के आदेश के चलते थाना फिल्लौर में तैनात हैड-कांस्टेबल लखविन्द्र सिंह की ड्यूटी लगी कि वह शव को जालंधर सिविल अस्पताल के शवगृह ले जाए और डाक्टरों से पोस्टमार्टम करवाया जाए।
लखविन्द्र सिंह सिविल अस्पताल पहुंचा और एमरजैंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डा. राकेश चोपड़ा को बलवीर सिंह के शव की एंट्री डैड बॉडी रजिस्टर में करवाई। एंट्री 2.10 बजे दोपहर को हुई। इसके बाद पुलिस कर्मचारी लखविन्द्र सिंह चला गया। करीब 1 घंटे के बाद शवगृह में तैनात स्टाफ किशोरी लाल रूटीन में डैड बॉडी रजिस्टर देखने आया तो उसने चैक किया कि बलवीर सिंह का शव शवगृह में जमा हुआ है। वह शवगृह पहुंचा तो उसके होश उड़ गए, क्योंकि बलवीर सिंह का शव कोई पुलिस वाला जमा करवाकर नहीं गया था। किशोरी लाल भागता हुआ एमरजैंसी वार्ड में पहुंचा और डा. राकेश को इस बारे में सूचित किया।
डा. राकेश ने एंट्री डैड बॉडी को कैंसल किया और अस्पताल में घूम रहे लखविन्द्र सिंह को कोसा। इसके बाद करीब 4.05 बजे दोबारा लखविन्द्र सिंह अस्पताल पहुंचा और बलवीर सिंह का शव लाया तो दूसरी महिला डा. प्रिया ने बलवीर सिंह के शव की एंट्री डैड बॉडी रजिस्टर में की। कुछ देर बाद बलवीर सिंह का शव पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के हवाले कर दिया गया। अब सोचने वाली बात है कि यदि पुलिस विभाग में ऐसे लापरवाह पुलिस जवान ड्यूटी इस प्रकार करेंगे तो कैसे काम चलेगा।
वहीं इस बारे देहात के ए.सी.(डी) बलकार सिंह ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है, वह खुद मामले की जांच करेंगे और आरोपी पाए जाने पर पुलिस कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। अब देखना है कि ए.सी. बलकार अपने विभाग में तैनात कर्मचारी के खिलाफ एक्शन लेते हैं या फिर उसे एक और मौका गलती करने का देते हैं।