शिकार के खिलाफ बिश्नोई समुदाय ने खोला मोर्चा, हाईकोर्ट में देंगे दस्तक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Sep, 2017 10:07 PM

bishnoi community opens front against hunting knock on the high court

पंजाब सरकार की तरफ से नील गाय व जंगली सूअर के शिकार व उन्हें पकाने-खाने की मंजूरी देने के खिलाफ.....

चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): पंजाब सरकार की तरफ से नील गाय व जंगली सूअर के शिकार व उन्हें पकाने-खाने की मंजूरी देने के खिलाफ बिश्नोई समुदाय ने मोर्चा खोल दिया है। रविवार को अबोहर में हुई अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा की बैठक में यह मुद्दा जोर-शोर से गूंजा। बिश्नोई सभा के पदाधिकारियों ने एक सुर में कहा कि पंजाब सरकार का यह फैसला वाइल्ड लाइफ प्रोटैक्शन एक्ट 1972 का उल्लंघन है इसलिए सभा इसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। 

1 सितंबर के अंक में उठाया था मुद्दा: पंजाब केसरी ने शिकार की पॉलिसी में पेंच होने का उठाया था सवाल
‘पंजाब केसरी’ ने 1 सितम्बर 2017 के अंक में ‘पंजाब में जंगली सूअर-नील गाय का कर सकेंगे शिकार, पकाने-खाने की छूट’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर में पंजाब सरकार की तरफ से दी गई मंजूरी पर सवाल उठाए गए थे। 

स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ में जगह नहीं देने से बिश्नोई समाज खफा 
रविवार को हुई बैठक में बिश्नोई सभा ने पंजाब स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ में बिश्नोई समुदाय को प्रतिनिधित्व न दिए जाने पर कड़ा एतराज जताया। सभा के राष्ट्रीय संयोजक रमेश बिश्नोई ने कहा कि जीव रक्षक होने के कारण बिश्नोई समुदाय को आमतौर पर स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ में जगह दी जाती रही है ताकि वन्यप्राणियों के संरक्षण को लेकर तैयार की जाने वाली नीतियों में समुदाय अहम राय दे सके, लेकिन इसके उलट अबकी बार घोषित स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ में समुदाय के प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया। 

उनके मुताबिक उन्होंने इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से भी मुलाकात की थी। जाखड़ ने भरोसा दिलवाया था कि बिश्नोई समुदाय को बोर्ड में प्रतिनिधित्व दिलवाया जाएगा लेकिन अब तक यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। रमेश बिश्नोई ने आरोप लगाया कि बिश्नोई समुदाय को बोर्ड से बाहर रखने की असल वजह ही यही है कि वन्यप्राणियों के खिलाफ किए जाने वाले फैसले बिना विवाद के आसानी से लिए जा सकें। 

वन्यप्रेमियों की भावनाओं को किया आहत: राष्ट्रीय संयोजक
पंजाब सरकार ने जंगली सूअर व नील गाय को शिकार के बाद पकाने-खाने की मंजूरी देकर वन्यप्रेमियों की भावनाओं को आहत किया है। यह सीधे तौर पर शिकार को प्रोत्साहित करने वाला कदम है। प्रदेश में पहले ही वन्यजीवों की आबादी सिकुड़ती जा रही है, उस पर अब सरकार इस तरह की नीतियां बनाकर शिकार की आदत डालने का काम कर रही है। बिश्नोई सभा इसके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी व पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदेशभर में आवाज बुलंद करेगी। -रमेश बिश्नोई, राष्ट्रीय संयोजक, अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा

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