Edited By swetha,Updated: 28 Jul, 2019 11:13 AM
शिरोमणि अकाली दल ने मांग की कि कोटकपूरा तथा बहबलकलां में पुलिस गोलीबारी ...
चंडीगढ़(अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल ने मांग की कि कोटकपूरा तथा बहबलकलां में पुलिस गोलीबारी की जांच कर रही एस.आई.टी. से आई.जी. कुंवर विजय प्रताप के स्थानांतरण के बारे में कांग्रेस सरकार ने चुनाव आयोग को क्यों गुमराह किया, इसकी वजह जानने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के किसी जज की निगरानी में एक औपचारिक जांच करवाई जाए। पार्टी ने यह भी कहा है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा इस पुलिस अधिकारी को लगाई जा रही फटकार संबंधी आए ताजे खुलासों ने साबित कर दिया है कि वह एक सीरियल अपराधी हैं।
पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि हाईकोर्ट की फटकार संबंधी ताजा खुलासे इशारा करते हैं कि आई.जी. को अव्यावसायिक व्यवहार करने की पुरानी आदत है। हाईकोर्ट के एक पूर्व चीफ जस्टिस के आदेश के अनुसार यह पाया गया था कि एक सिविल झगड़े में बिना बात की दखलअंदाजी करते हुए इस अधिकारी ने कानून को अपने हाथ में ले लिया था। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने इस अधिकारी को 5000 रुपए जुर्माना भी किया था तथा अदालत ने कहा था कि उसे सिर्फ उसकी खाकी वर्दी के कारण छोड़ा जा रहा है।
मजीठिया ने कहा कि इससे पहले कोटकपूरा तथा बहबलकलां में पुलिस गोलीबारी की जांच कर रही एस.आई.टी. के 4 अधिकारियों ने डी.जी.पी. को चि_ी लिखकर आई.जी. की व्यवसायिक योग्यता पर सवाल उठाया था तथा खुद को इस जांच से अलग कर लिया था। उन्होंने कहा कि इस भेद को खोलने की जरूरत है कि यह आई.जी. किस कांग्रेसी नेता के आदेशों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अकाली दल सत्ता में वापसी करने के बाद आई.जी. तथा कांग्रेसी नेताओं द्वारा आपसी मिलीभगत से की जा रही कार्रवाइयों की जांच करवाएगा।