वाहनों की नंबर प्लेटों को लेकर आई बड़ी खबर, नए आदेश हो गए जारी

Edited By Urmila,Updated: 11 Feb, 2025 05:57 PM

big news regarding vehicle number plates

अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट निर्मल ओसेपचन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मानसा जिले की सीमा के अंदर जो भी दुकानदार व्हीकलों की नंबर प्लेटें तैयार करते या बनाते हैं, के लिए आदेश जारी किए हैं।

मानसा : अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट निर्मल ओसेपचन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मानसा जिले की सीमा के अंदर जो भी दुकानदार व्हीकलों की नंबर प्लेटें तैयार करते या बनाते हैं, के लिए आदेश जारी किए हैं।  अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि शरारती तत्व आसानी से नंबर प्लेट बनाने वाली दुकानों से वाहनों के लिए फर्जी नंबर प्लेट बना लेते हैं और बाद में किसी घटना को अंजाम दे देते हैं, जिससे घटना में इस्तेमाल करने वाले वाहनों का पता लगाने में काफी परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि नंबर प्लेट बनाने वाली दुकानें किसी भी व्यक्ति को बिना व्हीकल के नंबर प्लेट बनाकर न दें और  नंबर प्लेट वाहन पर लगा कर ही दें। 

उन्होंने आदेश में कहा कि वाहन नंबर प्लेट बनाने वाली दुकानों पर एक रजिस्टर लगाया जाए, जिसमें नंबर प्लेट बनाने वाले व्यक्ति का नाम, उसका पूरा पता और पहचान प्रमाण दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि रजिस्टर में वाहन नंबर, चेसिस नंबर और इंजन नंबर भी दर्ज किया जाए तथा उस व्यक्ति के हस्ताक्षर भी लिए जाएं। उन्होंने कहा कि वाहनों की नंबर प्लेट बनाने वाले दुकानदार सी.सी.टी.वी. लगाएं, ताकि कैमरे गाड़ी व नंबर प्लेट लगाने वाले व्यक्ति को कवर करें। यह आदेश 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा।

हिंसा और नशीले पदार्थों को बढ़ावा देने वाले गानों और भाषणों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट निर्मल ओसेपचन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला सीमा के अंतर्गत शहरों व गांवों में गायकों, गीतकारों व वक्ताओं, सरकारी व गैर सरकारी बसों, मैरिज पैलेसों, अखाड़ों या मंचों पर हिंसा व नशीले पदार्थों को बढ़ावा देने वाले गीतों व भाषणों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दी है। आदेश में कहा गया है कि हिंसा और नशे को बढ़ावा देने वाले गीत अक्सर सरकारी और गैर-सरकारी बसों, मैरिज पैलेसों, अखाड़ों या शहरों और गांवों में गायकों, गीतकारों और वक्ताओं द्वारा स्थापित मंचों पर गाए जाते हैं। इन गानों को सुनने से न केवल आम जनता बल्कि युवा पीढ़ी के लड़के-लड़कियों के व्यवहार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसे रोकने के लिए हिंसा और नशे को बढ़ावा देने वाले गानों पर प्रतिबंध लगाना बेहद जरूरी हो गया है। ये आदेश 31 मार्च 2025 तक लागू रहेंगे।

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