Edited By Vatika,Updated: 02 Jan, 2025 01:55 PM
इस बीमारी से बच्चों के साथ-साथ बुजुर्ग भी प्रभावित होते हैं।
चंडीगढ़: साल-2025 शुरू हो चुका है और सिटी ब्यूटीफुल में ठंड ने भी जोर पकड़ लिया है। सर्दी के कारण जुकाम, निमोनिया, उल्टी, दस्त और खांसी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। इसके साथ ही निमोनिया के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इस बीमारी से बच्चों के साथ-साथ बुजुर्ग भी प्रभावित होते हैं। इस बारे में जी.एम.सी. एच-32 केपल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. दीपक अग्रवाल और पी. जी.आई. के डॉ. का आशुतोष एन अग्रवाल पल्मोनरी मेडिसिन विभाग ने जानकारी सांझा की।
अस्थमा और शगुर के रोगियों को ज्यादा खतरा
जी.एम. सी. एच.-32 अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. दीपक अग्रवाल ने कहा कि बढ़ती ठंड के कारण निमोनिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। खांसी और निमोनिया की बीमारी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को अपनी चपेट में लेने लगी है। डॉ. दीपक अग्रवाल का कहना है कि रोजाना जी. एम.सी.एच. 32 अस्पताल में ओ.पी.डी. 50 से 60 मरीज आ रहे हैं, जिनमें से 60 फीसदी मरीज खांसी और निमोनिया से पीड़ित हैं। इसके अलावा, ओ. पी.डी. इमरजेंसी केस में आने वाले ज्यादातर मरीज गंभीर हालत में होते हैं।
इनमें से ज्यादातर मरीज सिगरेट पीने वाले या शराब पीने वाले होते हैं, जिनकी हालत निमोनिया के कारण ज्यादा खराब होती है, इसलिए आपात स्थिति में मरीज को ऑक्सीजन दी जाती है। ऐसे ही कुछ मरीज ओ.पी.डी. में देखे जा रहे है, जिन्हें हर साल निमोनिया होता है। उनमें से अधिकांश रोगियों को न्यूमोकोकल वैक्सीन और इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लगवाने की आवश्यकता होती है। न्यूमोकोकल वैक्सीन की एक खुराक 5 से 10 वर्षों तक प्रभावी होती है, और निमोनिया के रोगियों के लिए इन्फ्लूएंजा का टीका सालाना लगाया जाना चाहिए।