Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 11:52 AM
वह दिन अब दूर नहीं, जब सड़कों पर भीख मांग रहे नन्हे हाथों में भीख के कटोरे की जगह पैन होंगे, क्योंकि इस गंभीर मामले को लेकर चाइल्ड राइट्स कमीशन पंजाब ने लिखित आदेश जारी करके प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे बाल मजदूरी विरोधी दस्ते...
लुधियाना(खुराना): वह दिन अब दूर नहीं, जब सड़कों पर भीख मांग रहे नन्हे हाथों में भीख के कटोरे की जगह पैन होंगे, क्योंकि इस गंभीर मामले को लेकर चाइल्ड राइट्स कमीशन पंजाब ने लिखित आदेश जारी करके प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे बाल मजदूरी विरोधी दस्ते की तर्ज पर बाल भिखारियों के खात्मे हेतु रैस्क्यू ऑप्रेशन शुरू करके बज्जों के भविष्य को सुरक्षित करें, ताकि आगे चलकर ये बच्चे संभावित क्राइम की दुनिया का हिस्सा न बन जाएं, बल्कि पढ़-लिखकर देश व समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो सकें। कमीशन द्वारा जारी पत्र में जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटैक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट-2015 की धारा-76 के अंतर्गत बच्चों से भिक्षावृत्ति कराने के जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त सजा निर्धारित की गई है, जिसके लिए बाकायदा एक्शन प्लान तैयार करके लुधियाना से चाइल्ड बैङ्क्षगग के खात्मे संबंधी रणनीति तैयार की गई है।
भिक्षावृत्ति करवाने वाले पर चलेगा कानून का डंडा
बच्चों को लालच वश या फिर शारीरिक रूप से प्रताडि़त करके भिक्षावृत्ति के दलदल में उतारने वाले सक्रिय माफिया अथवा व्यक्तियों पर कानून का डंडा भी बरसेगा, जिसके लिए बाकायदा कुछ समाजसेवी संस्थाओं के वालंटियर शहर के प्रमुख चौराहों, धार्मिक स्थलों आदि पर रेकी करके मामले की जानकारी टास्क फोर्स टीम के अधिकारियों को पास करेंगे, वहीं टास्क फोर्स द्वारा एक्शन प्लान पर किए जा रहे काम का सारा ब्यौरा चाइल्ड राइट्स कमीशन पंजाब को भेजना अनिवार्य होगा, जिसमें मुख्य तौर पर इस बात पर भी नजर रखी जाएगी कि सड़कों पर भीख मांग रही महिलाओं की गोद में उठाए हुए बच्चे क्या सच में उनके अपने बच्चे हैं या फिर भीख मांगने का इमोशनल स्टंट करने के लिए हायर किए गए हैं अथवा किडनैपिंग का शिकार तो नहीं।