नवाब साहिब का बैड: चार नग्न प्रतिमाओं के हाथ में थे पंखे, 30 मिनट तक बजता था संगीत

Edited By Suraj Thakur,Updated: 04 Sep, 2019 05:56 PM

bed of bahawalpur nawab sadiq muhammad khan abbasi

आपने अभी तक म्यूजिक चेयर के बारे में सुना होगा, लेकिन आज आपको हम एक म्यूजिकल बैड के बारे में बताएंगे।

जालंधर। आपने अभी तक म्यूजिक चेयर के बारे में सुना होगा, लेकिन आज आपको हम एक म्यूजिकल बैड के बारे में बताएंगे। इस बैड को निर्मित करने का ऑर्डर आजादी से पहले किसी अज्ञात महाराजा या नवाब ने 1882 में पेरिस की सिल्वरस्मिथ कंपनी  क्रिस्टोफल को दिया था। इस बैड को निर्मित करने के लिए अज्ञात महाराजा ने एजेटों को भेजा था। बैड बनाने के लिए आर्डर में कहा गया था कि इसमें चार महिलाओं की नग्न प्रतिमाएं हों। जिनके हाथों में महाराजा को हवा झुलाने के लिए पंखे और घोड़े की पूंछनूमा कोई चीज हो। बैड में शीशम की गहरे रंग की लकड़ी और उस पर चांदी की परतें चढ़ी होने की भी फरमाइश की गई थी। इसके अलावा बैड में ऐसा संगीत वाद्ययंत्र फिट करने का आर्डर किया गया था जो बटन दबाने के बाद 30 मिनट तक संगीत से महाराजा को मंत्रमुग्ध कर दे।PunjabKesari

इंडिया के अज्ञात महाराजा ने दिया था आर्डर
सिल्वरस्मिथ कंपनी  क्रिस्टोफल म्यूजिकल बैड को करीब चार वर्षों में तैयार कर दिया और इसे संबंधित एजैंटों को सौंप दिया था। कंपनी यह नहीं जानती थी कि इसे किस महाराजा या नवाब के लिए तैयार करवाया गया था। इस बैड में 290 किलोग्राम चांदी का इस्तेमाल किया गया था। बैड के चारों कोनों में फ्रांस, स्पेन, इटली और ग्रीस की महिलाओं की नग्न प्रतिमाएं स्थापित की गई थी। इनके बाल बिलकुल नेचुरल लगते थे। बैड का बटन दबाने के बाद और बैड से संगीत की मधुर धुने बजने लगती और प्रतिमाएं जीवंत सी प्रतीत होने लगती। उनकी आंखों की पुतलियां घूमने लगती और हाथों में थमाए गए पंखे धीमी गति के साथ हवा देने लगते।PunjabKesari 

पाकिस्तान से भी गायब हो चुका है बैड
बैड को 1886 में एजेंटों को सौंप देने के बाद किसी को भी यह मालूम नहीं था कि इसे बनाने का ऑर्डर किस महाराजा ने दिया था और यह कहा पर है। आजादी के बाद पहली बार 1975 में पहली बार यह पता चला था कि यह बैड पाकिस्तान के बहावलपुर में है। यह सादिक गढ़ पैलेस के 'फ्रेंच बेडरूम' में पाया गया था। बहावलपुर सिंधु के तट पर पंजाब की एक बड़ी रियासत थी और आज पाकिस्तान में है। यह रियासत पर अब्बासी परिवार का आजादी से पहले तक कब्जा रहा। इसलिए इतिहासकार यह मानते हैं कि 1882 में  यह नवाब सादिक मुहम्मद खान अब्बासी-4 ने इस बैड का आर्डर सिल्वरस्मिथ कंपनी  क्रिस्टोफल को दिया था।  बताया जाता है कि नवाब सादिक मुहम्मद खान वी अब्बासी के उत्तराधिकारियों के बीच विवाद के कारण महल और उनकी सभी संपत्तियां सील कर दी गई थी। 1990 के दशक में, बैड महल से गायब हो गया और बाद में फ्रांस में एक निजी संग्रह में उतरा।

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