Edited By Updated: 20 Feb, 2017 11:42 PM
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी में पोस्ट ग्रैजुएट कोॢसज के दाखिले को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में...
चंडीगढ़(बृजेन्द्र): बाबा फरीद यूनिवर्सिटी में पोस्ट ग्रैजुएट कोॢसज के दाखिले को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार समेत यूनिवर्सिटी को इन-सॢवस पी.सी.एम.एस. डाक्टर्स में 60 प्रतिशत स्टेट कोटा सीटें आरक्षित करने को चुनौती देने वाली याचिका पर 8 मार्च के लिए नोटिस जारी किया है। मैडीकल कांऊसिल ऑफ इंडिया को भी पार्टी बनाया गया है। पंचायती राज डिपार्टमैंट के तहत रूरल मैडीकल ऑफिसर के रूप में कार्यरत डा. राजेश कुमार और डा. अमनप्रीत सिंह ने 24 अक्तूबर, 2016 को राज्य सरकार द्वारा जारी नोटीफिकेशन को चुनौती दी है।
संबंधित नोटीफिकेशन को गैर-कानूनी और असंवैधानिक बताया गया है। वहीं इसे मैडीकल काऊंसिल ऑफ इंडिया के पोस्ट ग्रैजुएट मैडीकल रैगुलेशंस, 2000 के रैगुलेशन 9 की भी उल्लंघना बताया है। याचिकाक त्र्ता के एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट की 16 अगस्त, 2016 की एक केस में सुनाई गई जजमैंट को आधार बनाते हुए दलीलें पेश कीं।
वहीं एम.सी.आई. की रैगुलेशंस के मुताबिक पी.जी. डिग्री कोॢसज में दाखिला ऑल इंडिया टैस्ट (एन.ई.ई.टी.) के आधार पर सिंगल मैरिट लिस्ट के आधार पर होना चाहिए। वहीं 10 प्रतिशत उन डाक्टर्स को प्रति वर्ष दिया जाना चाहिए जो दुर्गम इलाकों में तैनात हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक दाखिले कायह तरीका सरकारी समेत निजी कॉलेजों/ यूनिवॢसटी पर भी वर्ष 2016-17 के दाखिलों से लागू होगा।
ऐसे में याची पक्ष ने स्टेट गवर्नमैंट की 24 अक्तूबर, 2016 की नोटीफिकेशन के क्लाज 17 को रद्द करने की मांग की है। वहीं कहा है कि प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाएं कि पी.जी. डिग्री कोॢसज में दाखिले मैरिट के आधार पर करें। याची पक्ष के वकील के मुताबिक हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेशों में कहा है कि संबंधित दाखिले याचिका के फैसले पर निर्भर होंगे।