कोरोना के बीच पंजाब के लोगों को सताने लगा एक और डर

Edited By Vatika,Updated: 24 Aug, 2020 01:42 PM

another fear started to haunt the people of punjab among corona

कोरोना वायरस की दहशत अभी खत्म नहीं हुई, वहीं शहर में डेंगू ने भी दस्तक दे दी है। पिछले दिनों एक मरीज डेंगू का पाया गया है, जिससे लोगों के मन में डेंगू का डर भी बैठ गया है।

अमृतसर (रमन): कोरोना वायरस की दहशत अभी खत्म नहीं हुई, वहीं शहर में डेंगू ने भी दस्तक दे दी है। पिछले दिनों एक मरीज डेंगू का पाया गया है, जिससे लोगों के मन में डेंगू का डर भी बैठ गया है। डेंगू के डंक से लडऩे के लिए निगम मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू ने मोर्चा संभाल लिया है कि किसी भी तरीके से निगम प्रशासन पर कोई बात न आए व फॉगिंग के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में 2 छोटी मशीन एवं चार गाडिय़ां चार वार्डों में फॉगिंग कर रही हैं। वहीं दो गाडिय़ों पर मशीनें फिक्स करवाने के लिए सेहत अधिकारी डा. अजय कंवर को निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिसको लेकर शहर में फॉगिंग समस्या खत्म हो जाएगी। कोबिड-19 की शुरूआत में भी अमृतसर निगम ने बाकि निगमों के मुकाबले अच्छा काम किया व एंटी स्पे्र करवाया, वहीं अभी तक डोर-टू-डोर स्प्रे हो रहा है। अधिकारियों के अनुसार डेंगू का मच्छर साफपानी से पैदा होता है, मच्छर डेंगू फैलाने वाला एडीज अजिपटी मच्छर साफपानी पर अपना लारवा बनाता है, लार्वे के बाद उक्त मच्छर किसी भी मरीज को काटता है तो उसमें डेंगू के लक्ष्ण भारी मात्रा में आ जाते हैं। मच्छर जिस व्यक्ति को आगे काटता जाएगा, उसमें डेंगू के इन्नफैक्शन आ जाएंगे। यह मच्छर दिन के समय में लोगों को अपना शिकार बनाता है।

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डेंगू मच्छर की दस्तक से लोग घबराए 
शहर में हर रोज कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, ऊपर से डेंगू मच्छर की दस्तक से लोग घबरा गए हैं। पिछले साल डेंगू की गिरफ्त में काफी लोग आ गए थे, उस समय नगर निगम अमृतसर को काफी मुंह की खानी पड़ी थी। निगम के पास प्रयाप्त साधन नहीं थे, पहले निगम के पास सिर्फ दो गाडिय़ां थीं व दो छोटी मशीनें थीं, लेकिन अब चार गाडिय़ों के साथ दो और नई गाडिय़ां खरीदी गई हैं व छोटी मशीनों की संख्या 2 से 10 कर दी है। डेंगू से लोगों को खुद बचाव करना होगा, घरों में कहीं पर भी खूले में पानी खड़े नहीं होने देना है।

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डेंगू के बचाव को लेकर क्या करें?
-यहां पर भी पानी रखने की जगह हो उसे ढका जाए, पानी से भरे बर्तनों एवं टंकियों को अच्छी तरह ढककर रखें। 
-घरों में बच्चों एवं बड़ों को भी पुरी बाजुओं एवं सारे शरीर को कपड़ों से ढकना चाहिए।
-कूलर में पानी को न रहने दें एवं उसे साफ करके रखे। 
- डेंगू बुखार के दौरान घर व अस्पताल में मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें व मच्छर के काटने से बचें और डेंगू के संक्रमण को रोकने में सहयोग करें। 
- यह मच्छर दिन में काटता है, इसलिए घरों में दिन के समय मच्छरों के काटने से बचें। 
- घर, दुकान, आफिस में अनुपयोगी कंटेनरों, कबाड़, टायर एवं नारियल खोलों को नष्ट कर दें। 
-मच्छरों को भगाने वाले रेपेलेंन्ट का प्रयोग करें। 
-अपने आस-पास लोगों को भी जागरूक करें व कहीं पानी न खड़ा होने दें। 
- बेकार सामान छत्त पर फैंकने की बजाय नष्ट किया जाए या कबाडि़ए को दिया जाए।  
-बुखार में केवल पैरासिटामोल दवाई का ही उपयोग करें।

क्या न करें 
- डेंगू उपचार के लिए केवल प्लेटलेट की गिनती पर निर्भर न रहें, सरकारी अस्पतालों में इसका अच्छा इलाज है। 
- टूटे बर्तनों, अनुपयोगी बोतलों, डिब्बों, पुराने टायरों व अन्य बेकार वस्तुओं को घरों की छतों पर न फैंकें, बारिश के मौसम में इनमें मच्छर पैदा होते हैं। 
- डेंगू बुखार को लेकर बिना डाक्टर की सलाह के कोई दवाई न खाएं। 
- एस्पिरिन, डार्डकला का उपयोग न करें। 
- घर के भीत्तर या आस-पास कूलरों, वाल्टियों, गमलों, पक्षियों के पानी पीने के बर्तनों, फ्रिज की ट्रे, नारियल खोलों आदि में पानी जमा न होने दें। 

 

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