किसानों के आंदोलन में घिरी 'भाजपा' को पंजाब में एक और बड़ा झटका

Edited By Tania pathak,Updated: 08 Dec, 2020 09:26 AM

another big setback to bjp in punjab

तीन नए कृषि कानून बनाने से जहां किसानों के मोर्चो ने केंद्र सरकार की नींद उड़ाई हुई, वही पंजाब में भाजपा को लगातार झटके मिल रहे हैं।

नथाना (सुरजीत): तीन नए कृषि कानून बनाने से जहां किसानों के मोर्चो ने केंद्र सरकार की नींद उड़ाई हुई, वही पंजाब में भाजपा को लगातार झटके मिल रहे हैं। यहां भाजपा को उस समय बड़ा झटका लगा जब पार्टी के मंडल प्रधान हरिन्दरजीत सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी के जिला प्रधान विनोद कुमार को भेजे लिखित इस्तीफे की कॉपी जारी करते उन्होंने कहा कि वह खेती बिलों के विरोध में दिल्ली में किसानों की तरफ से चलाए जा रहे संघर्ष की हिमायत करते यह इस्तीफा दे रहे हैं।

उन्होंने इस संघर्ष की सफलता के लिए डटकर सहयोग देने का भी भरोसा दिया है। यहां यह ख़ास तौर पर बताने योग्य है कि हरिन्दरजीत सिंह ने छह साल पहले भाजपा की टिकट पर नथाना नगर पंचायत का चुनाव लड़ा था और वह एमसी भी रहे हैं। खेती कानून बनाने के बाद भाजपा को पंजाब में यह कोईपहला झटका नहीं है, इससे पहले भी कई प्रसिद्ध नेता पार्टी छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं। जबकि इन खेती कानूनों के विरोध में जहां हरसिमरत कौर बादल केंद्र की वजीरी से इस्तीफा दे चुकी हैं, वही अकाली दल भाजपा के साथ गठजोड़ तोड़ कर एक तरफ भी हो चुका है।

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किसानें का प्रदर्शन 12वें दिन भी जारी
किसानें का खेती कानूनों खिलाफ प्रदर्शन जारी है। दिल्ली की सरहदों पर डटे किसानों के प्रदर्शन का आज 12वां दिन है। किसान तीनों ही खेती कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। जिसके लिए 8 दिसंबर को भारत बंद की कॉल दी गई है। भारत बंद से पहले किसानों का लगातार प्रदर्शन जारी है। वही सरकार लगातार मंथन में लगी है कि किसान को कैसे मनाया जाए। किसानों को अब राजनीतिक दलों, फ़िल्मी हस्तियां, कलाकारों समेत समाज के अलग -अलग वर्गों का भी साथ मिल रहा है। 

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