Edited By Updated: 07 May, 2017 02:49 PM
पुंछ में शहीद हुए परमजीत सिंह की लाडली खुशदीप कौर से मिलने और गोद लेने के लिए हिमाचल के अधिकारी दंपति डी.सी. कुल्लू यूनुस खान और एस.पी. सोलन अंजुम आरा शनिवार को उसके घर तरनतारन जा पहुंचे। इस दौरान अधिकारी दंपति ने शहीद के परिवार के साथ लगभग 3 घंटे...
तरनतारन/ऊना(सुरेंद्र): पुंछ में शहीद हुए परमजीत सिंह की लाडली खुशदीप कौर से मिलने और गोद लेने के लिए हिमाचल के अधिकारी दंपति डी.सी. कुल्लू यूनुस खान और एस.पी. सोलन अंजुम आरा शनिवार को उसके घर तरनतारन जा पहुंचे। इस दौरान अधिकारी दंपति ने शहीद के परिवार के साथ लगभग 3 घंटे का समय बताया। माहौल उस समय भावनात्मक हो गया जब शहीद के परिवार ने बताया कि जिस छठी कक्षा की 12 वर्षीय छात्रा खुशदीप कौर के पालन-पोषण की जिम्मेदारी दोनों अधिकारी संभालने वाले हैं ।वह शहीद परमजीत सिंह की सबसे लाडली बेटी है। शहीद परमजीत जब भी फोन करते थे तो सबसे पहले अपनी लाडली बेटी खुशदीप से ही बात करते थे। इस बात का पता चलते ही अंजुम आरा की आंखें नम हो गईं और माहौल बेहद ही भावनात्मक हो गया। डी.सी. कुल्लू यूनुस और उनकी पत्नी अंजुम आरा के पहुंचने की खबर मिलते ही भारी संख्या में मीडिया कर्मियों के साथ-साथ ग्रामीण भी मौके पर जमा हो गए।
सार्वजनिक नहीं करना चाहते थे बात : यूनुस
डी.सी. कुल्लू ने कहा कि वह बच्ची खुशदीप कौर को गोद लेने की बात सार्वजनिक नहीं करना चाहते और मीडिया में नहीं आना चाहते हैं पूरा देश मेरा परिवार है और शहीद की बेटी भी अब मेरी बेटी है। शहीद का परिवार भी अब मेरा ही परिवार है। खुशदीप कौर चाहे तो उनके पास भी रह सकती है और अपने परिवार के पास रहना चाहे तो परिवार के साथ भी रह सकती है। शहीद के परिवार के लिए कुछ करने की भावना हम दोनों पति-पत्नी में आई और हमने इसका फैसला किया। भारतीय सेना पर और स्वयं भारतीय होने पर उन्हें गर्व है। उन्होंने कहा कि बच्ची को उसके परिवार से अलग नहीं करेंगे लेकिन हर मदद करेंगे और पूरा खर्च वहन करेंगे। बच्ची के चाहने पर उसे अपने साथ रखेंगे। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक मई को पाकिस्तान के हमले में शहीद हुए तरनतारन के भारतीय जवान परमजीत सिंह ने देश के लिए कुर्बानी दे दी थी। पाकिस्तान के हमले में जे.सी.ओ. नायब सूबेदार परमजीत सिंह और बी.एस.एफ. के हैड कांस्टेबल प्रेम सागर शहीद हो गए थे। पाकिस्तानी सेना ने बर्बरता दिखाते हुए शवों को क्षत-विक्षत कर डाला था और उनके सिर काट लिए थे।
खुशदीप की मां को सौंपा चैक
यूनुस और अंजुम आरा ने खुशदीप कौर के नाम का चैक उसकी मां को सौंपते हुए कहा कि वह हर माह आर.टी.जी.एस. के माध्यम से इसके खाते में राशि डाला करेंगे।
अब बेटी की कमी हो गई पूरी : अंजुम
एस.पी. सोलन अंजुम आरा ने कहा कि सैनिक अपनी जान देश के लिए देते हैं और परिवार को देश के सहारे छोड़ कर बॉर्डर पर जाते हैं। देश का भी फर्ज बनता है कि वह शहीदों के परिवारों का ख्याल रखे। खुशदीप कौर अब उनकी अपनी बेटी है और वह उसका हर तरह से पूरा ख्याल रखेंगे। वे दोनों अपनी इस लाडली से मिलने तरनतारन आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनका अपना 3 साल का बेटा रिहान है और खुशदीप के मिलने से बेटी की कमी पूरी हो गई है।