Edited By swetha,Updated: 21 Oct, 2018 08:56 AM
शुक्रवार की रात हुआ अमृतसर हादसा दिल दहलाने वाला था। लोग दिल पर पत्थर रख कर वहां पड़ी लाशों में अपनों की तलाश कर रहे थे। ‘योर ब्लड कैन सेव लाइफ’ एक स्वयंसेवी संगठन के सदस्य शुभम शर्मा ने बताया कि अस्पताल में बर्फ और दस्ताने भी नहीं हैं। कोई मास्क...
अमृतसर: शुक्रवार की रात हुआ अमृतसर हादसा दिल दहलाने वाला था। लोग दिल पर पत्थर रख कर वहां पड़ी लाशों में अपनों की तलाश कर रहे थे। ‘योर ब्लड कैन सेव लाइफ’ एक स्वयंसेवी संगठन के सदस्य शुभम शर्मा ने बताया कि अस्पताल में बर्फ और दस्ताने भी नहीं हैं। कोई मास्क नहीं है। हमने अधिकारियों से कुछ इंतजाम करने के लिए कहा था।
अगर पूरी तरह शव गृह तैयार नहीं है तो क्या वे हमें कुछ बर्फ, दस्ताने और मास्क नहीं दे सकते हैं। डाक्टर यहां लाशों को छूने के लिए तैयार नहीं हैं। वे शवों से निकल रही भयानक बदबू से परेशान हैं। डाक्टर हम से कह रहे हैं कि आप शवों से आई.डी. प्रूफ और कुछ दस्तावेज ढूंढ निकालें।
गुरु नानक देव अस्पताल में कम से कम 19 लाशें थीं और यहां अस्थायी शवगृह में लाशें फर्श पर पड़ी हुई हैं। एक स्वयंसेवक रूपक ने कहा कि इनमें से 8 को अन्य लोगों ने पहचान लिया है, लेकिन बाकी लोगों के शरीर के अंग लापता हो चुके हैं। एक का तो सिर भी नहीं है। उनमें से महिला और उसकी एक साल की बच्ची भी है।