Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 11:52 AM
पंजाब पुलिस ने जी.एन.डी.यू. की असिस्टेंट प्रोफेसर सुखप्रीत बराड़ के अपहर्ता जजइंद्र सिंह का शव बरामद किया है।
अमृतसरः पंजाब पुलिस ने जी.एन.डी.यू. की असिस्टेंट प्रोफेसर सुखप्रीत बराड़ के अपहर्ता जजइंद्र सिंह का शव बरामद किया है। उसका शव महाराष्ट्र के अबोली जिले के एक होटल में मिला। जजइंद्र सिंह मामला दर्ज होने के बाद पुलिस से बचने के लिए दिल्ली, राजस्थान होते हुए महाराष्ट्र पहुंचा था। उसने वहां पर एक होटल के कमरे में फंदा लगाकर खुदकशी कर ली। मरने से पहले जजइंद्र ने दीवार पर लिखा कि वह निर्दोष है।
इसके साथ ही अपने एक रिश्तेदार का मोबाइल नंबर भी लिख दिया। बुधवार शाम तक जब जजइंद्र होटल के कमरे से बाहर नहीं आया तो प्रबंधन को शक हुआ। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस के मुताबिक, जब दूसरी चाबी से दरवाजा खोला गया तो जजइंद्र पंखे से झूलता मिला। होटल प्रबंधन ने तुरंत अबोली पुलिस और दीवार पर लिखे उसके रिश्तेदार के नंबर पर घटना के बारे जानकारी दी।
दूसरी ओर अपहृत असिस्टेंट प्रोफेसर सुखप्रीत का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। ए.डी.सी.पी. लखबीर सिंह ने आशंका जताई कि जजइंद्र ने सुखप्रीत को ठिकाने लगाने के बाद खुदकशी की होगी। फिर भी महिला प्रोफेसर की तलाश जारी है और छापेमारी की जा रही है।
ए.डी.सी.पी. लखबीर सिंह के अनुसार जांच में सामने आया है कि जजइंद्र ने सुखप्रीत के ए.टी.एम. के जरिए उसके खाते से कुल 91 हजार निकलवाए हैं। ये पैसा जजप्रीत की धमकियों के बाद सुखप्रीत बराड़ के परिजनों ने सुखप्रीत के खाते में जमा करवाए थे, ताकि आरोपी उनकी बेटी को जिंदा छोड़ दे।
पुलिस जांच में सामने आया कि सुखप्रीत बराड़ और खरड़ का जजइंद्र सिंह 2014 में विवाह से संबंधित वेबसाइट से एक दूसरे के करीब आए थे। दोनों की शादी की बात चली थी, लेकिन सुखप्रीत की मां ने इस शादी से इंकार कर दिया। परिवार अब यही जानता था कि सुखप्रीत व जजइंद्र का रिश्ता खत्म हो चुका है। बावजूद इसके दोनों आपस में मिलते रहे।
पुलिस के मुताबिक, कुछ दिन पहले जी.एन.डी.यू. की असिस्टेंट प्रो. सुखप्रीत कौर बराड़ होस्टल से गायब हो गई थी। जांच में सामने आया कि वह अपने दोस्त खरड़ निवासी जजइंद्र से पैसे लेने गई है। उसने जाने से पहले एक पत्र लिखकर अपने कमरे में छोड़ा था। इसके आधार पर पुलिस ने जजइंद्र के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था। जजइंद्र लगातार सुखप्रीत के मोबाइल से सुखप्रीत के भाई को व्हाट्सएप के जरिए सुखप्रीत को रिहा करने के लिए 30 लाख रुपए की फिरौती मांग रहा था।