Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 12:18 AM
पंजाब सरकार द्वारा बुधवार तक महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने के आसार हैं। राज्य की नई .....
जालंधर(धवन): पंजाब सरकार द्वारा बुधवार तक महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने के आसार हैं। राज्य की नई बनने वाली औद्योगिक नीति को लेकर मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने सरकारी विभागों को बैठकें करने के निर्देश दिए हैं।
पिछले दिनों चंडीगढ़ में नई औद्योगिक नीति को लेकर मुख्यमंत्री के सामने अधिकारियों ने प्रैजैंटेशन दी थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने नए व मौजूदा उद्योगों को एक समान सुविधाएं देने तथा बिजली की दर 5 रुपए प्रति यूनिट अगले 5 वर्षों तक रखने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। अब अगले सप्ताह के शुरू में पुन: महत्वपूर्ण सरकारी बैठकें बुला ली गई हैं, जिनमें उद्योग विभाग द्वारा बनाई जाने वाली नई औद्योगिक नीति को अंतिम रूप दिया जा सकता है। इन बैठकों में मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री भाग लेंगे। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि नई औद्योगिक नीति तुरंत बनाकर उसे लागू कर दिया जाए ताकि अभी से राज्य में पूंजी निवेश का दौर शुरू हो जाए। पूर्व अकाली सरकार के समय तो औद्योगिक नीति का ऐलान ही लगभग साढ़े 3 वर्षों बाद किया गया था।
सरकारी हलकों ने बताया कि इसी तरह से पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक भी 25 को होनी है, जिसमें सरकारी अधिकारियों की रिटायरमैंट ऐज को लेकर अंतिम फैसला लिया जाना है। मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने इशारा किया था कि सरकार रिटायरमैंट ऐज को अब आगे नहीं बढ़ाएगी परन्तु इस मामले को लेकर अभी यह निर्णय लिया जाना है कि सरकार अपना फैसला कब से लागू करे। इसके लिए डैड लाइन तय की जानी है। इसी तरह से कई अन्य विभागों के कामकाज को तेज करने के लिए भी सोमवार से लेकर बुधवार तक चंडीगढ़ में लगातार बैठकें रखी गई हैं। सरकारी हलकों ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमैंट देने के मामले में अभी दो तरह के विचार सरकार में चल रहे हैं।
अधिकांश मंत्रियों का विचार है कि जिन कर्मचारियों को पिछले समय में एक्सटैंशन दे दी गई है उनका कार्यकाल पूरा करवाया जाए। भविष्य में नई एक्सटैंशन देने पर रोक लगा दी जाए। इस संबंध में मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह का फैसला अंतिम होगा। सरकारी कर्मचारियों का ध्यान सरकार द्वारा लिए जाने वाले फैसलों की तरफ लगा हुआ है, इसलिए समूची पंजाब सरकार व सभी मंत्रियों के लिए अगला सप्ताह काफी महत्वपूर्ण व व्यस्त रहने वाला है। बताया जाता है कि कैप्टन ने अपने मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार की मार्फत सभी संबंधित विभागों के प्रमुखों को सरकारी कामकाज में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।