Edited By Updated: 02 Mar, 2017 03:42 PM
दो मुल्कों के बीच खिंची सरहद कितनी त्रासद और पीड़ादायक होती है
अमृतसरः दो मुल्कों के बीच खिंची सरहद कितनी त्रासद और पीड़ादायक होती है यह तो अकबर दुर्रानी जैसे लोग ही जानते हैं, जिनके अपने सरहद की बंदिशों में फंस कर रह जाते हैं। बुधवार को पाक युवक दुर्रानी कानूनी पेचीदगियों के चलते हिंदुस्तानी बीवी और दो साल के बेटे को यहीं छोड़ कर वतन लौट गया लेकिन उसने यह जरूर कहा कि आखिरी दम तक उनको ले जाने की कोशिश करूंगा।
दुर्रानी बुधवार को हिंदुस्तान की तरफ से रिहा किए गए उन 39 लोगों में शामिल है, जिसमें 18 मछुआरे भी हैं। बार्डर के जरिए बी.एस.एफ. ने इन्हें पाक रेंजर्स के हवाले किया। दुर्रानी को अवैध रूप से भारत में रहने के चलते जेल में रहना पड़ा था।
अकबर दुर्रानी पाक के जिला हैदराबाद के शहर ओखरी का रहने वाला है। दुर्रानी ने बताया कि साल 2011 में फेसबुक के जरिए एम.पी. के देवास की मुस्लिम लड़की सोफिया से उसकी दोस्ती हुई और दोनों में मोहब्बत हो गई। इसके बाद वीजा लगवा कर वह 2013 में निकाह करने आया और यहीं पर रहने लगा। निकाह के बाद उसके बेटा अरिज भी हुआ, जो अब दो साल का है।
वह बीवी-बच्चों में इतना मशगूल हो गया कि उसे पता ही नहीं चला कि उसका वीजा खत्म हो गया। उसे अवैध रूप से रहने के आरोप में 2015 में गिरफ्तार कर लिया गया और एक साल की सजा हुई। उसने बताया कि उसकी सजा पूरी होने के बाद भी उसे जेल में रखा गया। उसने कहा कि वह भले ही जा रहा है लेकिन अपनी बीवी और बच्चे को वापस ले जाने के लिए लड़ाई जारी रखेगा। उसने दोनों ही मुल्कों की सरकारों से अपील की है कि रिश्तों पर सरहदों की बंदिशें न लगाएं। अवाम मोहब्बत करती है, नफरत नहीं।