Edited By Vaneet,Updated: 07 Jan, 2019 03:40 PM
आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए नया साल 2019 मुसीबतें लेकर आया है। पार्टी को नए साल पर एक बाद एक झटके लग रहे हैं। एच.एस. फुलका, सुखपाल खैहरा द्वारा पार्टी को ...
चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी (आप) के लिए नया साल 2019 मुसीबतें लेकर आया है। पार्टी को नए साल पर एक बाद एक झटके लग रहे हैं। एच.एस. फुलका, सुखपाल खैहरा द्वारा पार्टी को अलविदा कहने के बाद जैतो से पार्टी के विधायक मास्टर बलदेव सिंह भी सोमवार को इस्तीफा दे सकते हैं। यदि इस तरह ही पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लगती रही तो उससे विरोधी पक्ष का पद भी जा सकता है। ऐसे में पार्टी के लिए एक बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। इससे निकलने के लिए पार्टी पूरी कोशिशों में लगी हुई है।
आपको बता दें कि इस समय कांग्रेस के पास 78, अकाली दल -भाजपा के पास 17 और लोक इंसाफ पार्टी के पास 2 विधायक हैं। आम आदमी पार्टी ने 20 सीटें जीती थी। अब सुखपाल खैहरा और फुलका के इस्तीफे के बाद पंजाब विधानसभा में आप विधायकों की संख्या अब 18 रह गई है।
अब यदि मास्टर बलदेव सिंह समेत सुखपाल खैहरा गुटों के बाकी विधायक भी इस्तीफा दे देते हैं तो आम आदमी पार्टी के पास से विरोधी पक्ष का पद भी जा सकता है। फिलहाल आम आदमी पार्टी की तरफ से इस सम्बन्धित गंभीरता के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है।