दिल्ली में सत्ता हथियाने के लिए 'AAP' का मास्टर स्ट्रोक, अपनाया नया फार्मूला, विरोधी भी हैरान

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 12 Dec, 2024 04:58 PM

aap adopted a new formula to capture power in delhi

दिल्ली में फरवरी माह में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, जिसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दल पूर्ण रूप से सक्रिय हो चुके हैं तथा सभी दलों द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने की कवायद भी जारी है।

जालंधर  : दिल्ली में फरवरी माह में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, जिसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दल पूर्ण रूप से सक्रिय हो चुके हैं तथा सभी दलों द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने की कवायद भी जारी है। वहीं बात करें आम आदमी पार्टी की तो पार्टी 70 सीटों में से अभी तक 31 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है और चौथी बार दिल्ली की सत्ता हासिल करने के लिए बहुत ही फूंक फूंक कर कदम रख रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी हर सीट का बहुत ही बारीकी से विश्लेषण कर रही है तथा उसके बाद ही कैंडीडेट का चयन किया जा रहा है। 

हाल ही में आम आदमी पार्टी ने अपने 20 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की, जबकि 11 प्रत्याशियों को आप पहले ही चुनावी मैदान में उतार चुकी है। इस तरह से कुल मिलाकर पार्टी की तरफ से अभी तक 31 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया जा चुका है और इस दौरान एक बहुत बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने इस बार मनीष सिसौदिया व राखी बिड़ला को छोड़कर अपने 20 विधायकों में से 18 विधायकों का टिकट काट दिया गया है और उनकी जगह नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा गया है। इतना ही नहीं पार्टी ने सिसोदिया व राखी बिड़लान के चुनावी क्षेत्र भी बदल दिए हैं। सिसोदिया जोकि पहले पटपड़गंज से विधायक रहे हैं, को इस बार जंगपुरा सीट से चुनावी मैदान में उतारने जा रही  है, जबकि राखी बिड़ला जोकि मंगोलपुरी सीट से विधायक हैं को मादीपुर सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है। वहीं सिसोदिया की वर्तमान सीट पटपड़गंज पर पार्टी ने इस बार अवध ओझा को प्रत्याशी बनाया है। खबर तो यह भी मिल रही है कि आने वाले समय में दिल्ली पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीट को भी बदला जा सकता है। 

इस बड़े परिवर्तन की वजह तो यह भी बताई जा रही है कि पार्टी अपने विधायकों की कारगुजारी से खुश नहीं थी, और कई विधायकों की परफार्मैंस उम्मीद के मुताबिक नहीं रही, जिसके चलते जनता में बढ़ती नाराजगी के कारण उनके टिकट काट दिए गए हैं।  इस तरह से 'आप' ने अपनी दूसरी सूची में लगभग 17 नए चेहरों को मौका दिया है, जिनमें से ज्यादातर पार्टी के पूर्व पार्षदों पर भरोसा जताया गया है और कई पार्षदों को टिकट दे भी दिए भी गए हैं।

वहीं अगर गौर फरमाया जाए तो पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 16 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार बदले थे, जबकि इस बार यह आंकड़ा बहुत आगे निगल चुका है। अभी आधी से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान होना बाकी है, तो ऐसे में पार्टी द्वारा आने वाले समय में और भी कई परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। वहीं आम आदमी पार्टी द्वारा जिन 31 सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए हैं, इनमें से 8 सीटें तो ऐसी हैं, जहां पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी। वहीं 3 सीटें तो ऐसी हैं, जहां मौजूदा विधायकों ने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। इस तरह से अगर उक्त 11 सीटों को निकाल दिया जाए तो आम आदमी पार्टी ने अपनी बचती 20 सीटों में से 18 सीटों पर अपने मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं, जोकि एक बहुत बड़ा परिवर्तन है। इस तरह से दूसरी सूची में एक भी विधायक ऐसा नहीं है, जिसे वर्तमान सीट पर टिकट दिया गया हो। पार्टी ने दो वर्तमान विधायकों की सीटों पर उनके बेटों को मौका दिया है, जिनमें विधायक प्रह्लाद साहनी के बेटे पूरनदीप साहनी और कृष्णा नगर सीट से वर्तमान विधायक एस.के. बग्गा की जगह उनके पुत्र विकास बग्गा को टिकट दिया गया है। पार्टी द्वारा किए जा रहे इस तरह के चयन से अन्य विधायकों की धड़कनें तेज हो गई हैं तथा अपनी-अपनी सीट बचाने के जुगाड़ लगाने में जुट गए हैं।

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