आम आदमी क्लीनिक का Doctor कर रहा था ये काम, विभाग ने किया Terminate

Edited By Vatika,Updated: 28 Feb, 2025 11:55 AM

aam aadmi clinic jalandhar

राज्य सरकार ने वैसे तो रोगियों की सुविधा के लिए जगह-जगह आम आदमी क्लिनिक खोले थे लेकिन

 जालंधर(रत्ता): राज्य सरकार ने वैसे तो रोगियों की सुविधा के लिए जगह-जगह आम आदमी क्लिनिक खोले थे लेकिन शायद वहां पर तैनात स्टाफ भी इनका फायदा उठाने लगा है। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिले के एक आम आदमी क्लीनिक में तैनात मेडिकल ऑफिसर एवं क्लीनिकल असिस्टेंट पैसों के लालच में रोगियों की फर्जी एंट्री डाल रहे थे और जब इस बात का खुलासा हुआ तो विभाग ने तुरंत दोनों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। 

स्वास्थ्य विभाग के सुविज्ञ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नकोदर में स्थित एक आम आदमी क्लिनिक मे तकरीबन हर रोज 150 से 175 रोगियों की एंट्री डाली जा रही थी और जब विभाग के उच्च अधिकारियों को इसमें कुछ संदेह हुआ तो उन्होंने उक्त आम आदमी क्लीनिक में जाकर जांच की। वहां पर उन्हें पता चला कि वहां पर तथा मेडिकल ऑफिसर तथा क्लीनिकल असिस्टेंट ने टेबलेट में जितने रोगियों की एंट्री डाली है उससे कम रोगियों की एंट्री फार्मासिस्ट की टेबलेट में है। अधिकारियों ने जब मामले की बहुत बारीकी से जांच की तो पता चला की मेडिकल ऑफिसर एवं क्लीनिकल असिस्टेंट आपसी मिलीभगत से रोगियों की फर्जी एंट्री कर रहे हैं। विभाग के अधिकारियों ने दोनों को तुरंत नौकरी से बर्खास्त कर दिया।

उल्लेखनीय है कि आम आदमी क्लीनिक में जब भी कोई रोगी दवाई लेने आता है तो सबसे पहले क्लीनिकल अस्सिटेंट द्वारा टेबलेट में उसके मोबाइल नंबर सहित उसकी एंट्री करता है और फिर उसके बाद जब रोगी मेडिकल ऑफिसर के पास जांच करवाने के लिए पहुंचता है तो वह भी टेबलेट में उसकी एंट्री देखकर टेबलेट में ही दवाई लिख देता है। उसके बाद रोगी जब वहां बैठे फार्मासिस्ट के पास दवाई लेने जाता है तो फार्मासिस्ट उसे दवाई देने के बाद ओके कर देता है।  उक्त आम आदमी क्लीनिक में मेडिकल ऑफिसर एवं क्लीनिकल असिस्टेंट के टेबलेट में तो 150 से 175 रोगियों की एंट्री होती थी जबकि फार्मासिस्ट के पास काफी कम संख्या में रोगी दवाई लेने पहुंचते थे। जांच कर रहे अधिकारियों ने जब लोगों को फोन करके पूछा कि क्या वह उक्त क्लीनिक में दवाई लेने आए थे तो कई रोगियों ने कहा कि वह तो कभी आम आदमी क्लिनिक आए ही नहीं। 

मेडिकल ऑफिसर को 50 रुपए प्रति रोगी के हिसाब से मिलते हैं पैसे
आम आदमी क्लीनिक में नौकरी करने वाले हर मेडिकल ऑफिसर को 50 रुपए प्रति रोगी के हिसाब से सरकार पैसे दे रही है और प्रतिदिन की कम से कम राशि 2500 रुपए रखी गई है। अगर कोई मेडिकल ऑफिसर 50 से अधिक रोगियों की जांच करता है तो उस स्थिति में उसे 50 रुपए प्रति रोगी के हिसाब से ही राशि मिलती है। शायद यही कारण रहा होगा कि नौकरी से बर्खास्त हुए मेडिकल ऑफिसर ने पैसों के लालच में रोगियों की फर्जी एंट्री डाली होगी।

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!