Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jun, 2017 01:50 PM
फगवाड़ा में स्थानीय मेन हाइवे नंबर-1 पर कुछ वर्ष पहले फिल्मी स्टाइल में एक निजी बैंक से 2 मोटरसाइकिल सवार लुटेरों द्वारा लूटी गई करीब 35 लाख रुपए से अधिक की विदेशी करंसी का मामला आज भी पुलिस फाइलों में अनट्रेस ही चला आ रहा है।
फगवाड़ा (जलोटा): फगवाड़ा में स्थानीय मेन हाइवे नंबर-1 पर कुछ वर्ष पहले फिल्मी स्टाइल में एक निजी बैंक से 2 मोटरसाइकिल सवार लुटेरों द्वारा लूटी गई करीब 35 लाख रुपए से अधिक की विदेशी करंसी का मामला आज भी पुलिस फाइलों में अनट्रेस ही चला आ रहा है। वहीं बैंक के बाहर हुई लूट व इसमें शामिल लुटेरों को लेकर आज भी यह गहरा राज ही बना हुआ है कि वो लुटेरे कौन थे और लाखों रुपए की विदेशी करंसी को लेकर वो कहां फरार हो गए हैं?
इस हाई प्रोफाइल डकैती की गहरी अनसुलझी पहेली को लेकर पंजाब केसरी द्वारा जब फालोअप किया गया तो पंजाब पुलिस के तब जिला कपूरथला, जिला जालंधर, जिला होशियारपुर, जिला शहीद भगत सिंह नगर, जिला लुधियाना व जिला अमृतसर में कार्यरत रह चुके कई शीर्ष अधिकारियों ने दबी जुबान में स्वीकारा कि अब यह लूटकांड कभी भी सुलझ नहीं पाएगा क्योंकि उक्त मामले को घटे लंबा समय बीत चुका है। पुलिस के उक्त होनहार अफसरों ने उल्टा अपने ही कुछ आला अधिकारियों पर तीखे लहजे में कटाक्ष किया कि यदि उक्त जांच को तब ठीक ढंग से चलाया गया होता तो आज यह लूटकांड कब का सुलझ गया होता।
क्या था मामला
गौरतलब है कि कई साल पहले फगवाड़ा में देर शाम हुई उक्त बड़ी डकैती, जिसे पंजाब पुलिस आधिकारिक तौर पर हाई प्रोफाइल लूटकांड स्वीकार करती रही है, को लेकर प्रदेश के मूल रूप से 6 जिलों की पुलिस द्वारा आई.जी., डी.आई.जी., एस.एस.पी. रैंक के शीर्ष पुलिस अधिकारियों की स्पैशल इंवैस्टिगेशन टीम (एस.आई.टी.) गठित कर जांच के क्रम को आगे बढ़ाया गया था।
तब एक साथ कई संयुक्त आप्रेशन भी चलाए गए लेकिन यह राज आज भी गहरा राज ही बना हुआ है कि वो लुटेरे कौन थे जिन्होंने मोटरसाइकिल पर सवार हो एक ही झटके में लाखों रुपए की विदेशी करंसी पर अपना हाथ साफ किया था और उनके पीछे वो कौन मास्टरमाइंड डॉन था जिसने विदेशी करंसी की इतनी बड़ी डकैती को सफलतापूर्वक अंजाम देने की फुलप्रूफ प्लाङ्क्षनग की थी? सनद रहे कि पंजाब पुलिस के आला अधिकारियों, जिसमें आई.जी. जोनल जालंधर, डी.आई.जी. जालंधर रेंज सहित जिला कपूरथला, जिला जालंधर, जिला होशियारपुर व जिला शहीद भगत सिंह नगर के तब एस.एस.पी. रैंक के अधिकारियों ने कथित आरोपी डकैतों के स्कैच भी जारी किए थे।
इन स्कैचों को आधार बना 3 जिलों की पुलिस टीमें इतनी सरगर्म रही थीं कि पंजाब के दोआबा इलाके में जगह-जगह नाकाबंदी कर इन स्कैच में उभर कर सामने आए लुटेरों के चेहरों का मिलान किया जाता रहा था लेकिन बावजूद इसके पूरी पंजाब पुलिस यह पता नहीं करवा सकी है कि उक्त डकैती में आरोपी लुटेरे कौन थे व लूटी गई लाखों रुपए की विदेशी करंसी कहां चली गई है? यह भी रहस्य ही है कि उक्त लूटकांड में प्रयोग हुआ मोटरसाइकिल कहां का है?
राजसी दबाव के चलते केस की जांच ऑफ दी रिकार्ड कर दी गई शून्य
ऐसे व इस जैसे कई सवाल हैं जो उक्त डकैती कांड से जुड़े हुए हैं जिसका जवाब मामले के सुलझने पर ही मिल सकता है लेकिन पंजाब केसरी को आला पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कि यह डकैती कांड पंजाब पुलिस की फाइलों में अनट्रेस स्वीकारा जा रहा है और तब ऊपर से पड़े जबरदस्त राजसी दबाव के चलते इस केस की जांच ऑफ दी रिकार्ड शून्य कर दी गई थी।
अहम पहलू यह बना हुआ है कि फगवाड़ा में हुई उक्त बड़ी डकैती को लेकर पुलिस तंत्र लंबे अर्से से उक्त केस संबंधी कुछ भी खास नहीं कर रहा है। ऐसे में यह लिखना गलत न होगा कि यदि पंजाब पुलिस खासकर जिला कपूरथला की पुलिस उक्त डकैती कांड नहीं सुलझाती है तो यह अपने आप में अपराध व अपराधियों की बड़ी जीत के रूप में स्वीकारा जाएगा, और चिरपरिचित चली आ रही यह कहावत की पुलिस के हाथ अपराधियों से लंबे होते हैं और कोई भी क्राइम फुलप्रूफ नहीं होता है एक भांति पूरी तरह से गलत प्रमाणित हो जाएगा।