स्वास्तिक इन्फोटैक के 3 पार्टनरों को 2-2 वर्ष की कैद, चौथा भगौड़ा घोषित

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 09:38 AM

3 partners of swastik infotech imprisonment

5 लाख रुपए का एक चैक बाऊंस होने के एक मामले में स्थानीय जे.एम.आई.सी. मनदीप सिंह की विशेष अदालत ने  स्वास्तिक इन्फोटैक नामक एक कंपनी से संबंधित कैप्टन दर्शन सिंह, लक्ष्मण दास चौधरी तथा निशा शर्मा इन तीन पार्टनरों को 2-2 वर्ष की कैद किए जाने की सजा...

अमृतसर(महेन्द्र): 5 लाख रुपए का एक चैक बाऊंस होने के एक मामले में स्थानीय जे.एम.आई.सी. मनदीप सिंह की विशेष अदालत ने  स्वास्तिक इन्फोटैक नामक एक कंपनी से संबंधित कैप्टन दर्शन सिंह, लक्ष्मण दास चौधरी तथा निशा शर्मा इन तीन पार्टनरों को 2-2 वर्ष की कैद किए जाने की सजा सुनाई है, जबकि कृष्ण दत्त नामक चौथे कथित आरोपी को अदालत पहले से ही भगौड़ा घोषित कर चुकी थी। फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद अदालत ने अपने फैसले के खिलाफ सैशन कोर्ट में अपील दायर करने का मौका देते हुए उन्हें एक माह की अवधि के लिए 25-25 हजार रुपए की कच्ची जमानतों पर रिहा भी कर दिया है। 

स्थानीय गांधी गली, इस्लामाबाद निवासी ज्योति रैली पुत्र रवि चतरथ ने अपने कौंसिल संजय मल्होत्रा के जरिए स्थानीय डिस्ट्रिक्ट शोपिंग सैंटर, रणजीत एवेन्यू में स्थित स्वास्तिक इन्फोटैक नामक एक कंपनी से संबंधित कृष्ण दत्त पुत्र शम्मी चंद, कैप्टन दर्शन सिंह पुत्र गेजा सिंह, लक्ष्मण दास चौधरी पुत्र धनी राम तथा निशा शर्मा पत्नी सतपाल शर्मा के खिलाफ नैगोशिएबल इन्स्ट्रीयूमैंट एक्ट की धारा 138 के तहत स्थानीय अदालत में चैक बाऊंस का मुकद्दमा दायर किया था। इसमें उसका कहना था कि आरोपी कंपनी तथा उसके पार्टनरों के साथ उसके दोस्ताना संबंध होने के कारण उन्होनें मुझसे 10 लाख रुपए का दोस्ताना कर्ज ले रखा था।

वापिस मांगे जाने पर आरोपी कंपनी से संबंधित कृष्ण दत्त तथा कैप्टन दर्शन सिंह दोनों पार्टनरों ने अपने बाकी के दोनों पार्टनरों की सहमति से उक्त 10 लाख रुपए की राशि में से 5 लाख रुपए का एक चैक नंबर 865042 दिनांक 14-7-2013 के लिए जारी किया था, जो ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स की स्थानीय शाखा ग्रीन एवेन्यू से संबंधित था।

इस चैक को कैश करवाने के लिए पंजाब एंड सिंध बैंक की स्थानीय शाखा इस्लामाबाद में खोले गए अपने बैंक खाते में जमा करवाया तो बैंक द्वारा 31-7-2013 को जारी की गई मीमो के अनुसार आरोपी कंपनी के बैंक खाते में समुचित फंड उपलब्ध न होने के कारण उनका यह चैक बाऊंस हो गया था। इस पर आरोपी कंपनी के पार्टनरों को 6-8-2013 को 15 दिनों का लीगल नोटिस जारी किया गया था, बावजूद इसके आरोपी कंपनी के पार्टनरों ने बाऊंस हुए चैक की धनराशि नहीं अदा की थी। 

2 पार्टनरों ने नकदी तथा तीसरे ने जमानत बांड भर करवाई जमानत

ऐसे मामलों में 3 वर्ष तक की सजा होने पर किसी भी आरोपी को उच्च अदालत में अपील दायर करने के लिए एक महीने की अवधि के लिए कच्ची जमानत पर रिहा करने का प्रावधान है। चैक बाऊंस के इस मामले में सजा प्राप्त आरोपियों को भी इस प्रावधान के तहत सैशन कोर्ट में अपील दायर करने का मौका मिलना स्वाभाविक था। अदालत ने तीनों आरोपियों को कच्ची जमानत करवाने का मौका दिया, तो इनमें से लक्ष्मण दास चौधरी ने अपना कोई जमानती पेश करके उसके जमानत बांड प्रस्तुत करके अपनी जमानत करवाई, जबकि कैप्टन दर्शन सिंह तथा महिला आरोपी पार्टनर निशा शर्मा ने तुरंत 25-25 हजार रुपए की नकद राशि का प्रबंध करवा कर नकद राशि के जरिए अपनी-अपनी कच्ची जमानतें करवाईं। 

पार्टनरशिप छोडऩे संबंधी पुख्ता प्रमाण नहीं पेश कर सकी निशा

मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी कंपनी की महिला पार्टनर निशा शर्मा का कहना था कि वह तो कंपनी की तरफ से चैक जारी करने से पहले ही पार्टनरशिप छोड़ कंपनी से बाहर हो चुकी थी, लेकिन कानूनी बहस के दौरान वह अदालत में ऐसे पुख्ता प्रमाण नहीं पेश कर सकी, जो किसी कंपनी से पार्टनरशिप खत्म करने के लिए जरूरी होते हैं। इसके अलावा अन्य पार्टनरों का यह कहना था कि वे अलग-अलग समय पर 9-11-2013, 4-8-2014 तथा 7-9-2014 को चैकों के जरिए दोस्ताना कर्ज वाली राशि लौटा भी चुके हैं, लेकिन उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण अपने पक्ष को प्रमाणित करने के लिए काफी नहीं थे। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!