Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 12:02 PM
रामनगर फाटक के निकट स्थित मार्कफैड के गोदाम में रखी लगभग 2 लाख टन गेहूं, जिसकी कीमत लगभग 22 करोड़ रुपए है, लाखों लोगों का पेट भरने के काम आएगी। इस गोदाम का रख-रखाव सवालों के घेरे में है। इसका खुलासा तब हुआ जब पंजाब केसरी की टीम ने इस गोदाम का दौरा...
जालंधर (कमलेश) : रामनगर फाटक के निकट स्थित मार्कफैड के गोदाम में रखी लगभग 2 लाख टन गेहूं, जिसकी कीमत लगभग 22 करोड़ रुपए है, लाखों लोगों का पेट भरने के काम आएगी। इस गोदाम का रख-रखाव सवालों के घेरे में है। इसका खुलासा तब हुआ जब पंजाब केसरी की टीम ने इस गोदाम का दौरा किया।
गोदाम में अनाज की बोरियां इधर-उधर पड़ी हुई थीं। यह अनाज मई महीने में गोदाम में लाया गया था। अभी तक यह अनाज मूमैंट में नहीं है। अब डर इस बात का है कि मूमैंट में आने से पहले ही यह अनाज कहीं बर्बाद न हो जाए। गोदाम का शैड वर्षा के पानी को नहीं रोक पाता जिस कारण अनाज के खराब होने के पूरे-पूरे आसार हैं। पिछले दिनों हुई वर्षा का पानी अनाज पर डाले गए तिरपाल पर साफ दिखाई दे रहा था।
गोदाम के कर्मचारियों ने बारिश के उपरांत इस तिरपाल को धूप में सुखाना जरूरी नहीं समझा। इस इतना ही नहीं गोदाम में चूहों ने भी आतंक मचाया हुआ है। चूहों द्वारा फैलाई गंदगी से कीड़े पडऩे की सम्भावनाबढ़ जाती है। एक सर्वे के हिसाब से भारत की कुल जनसंख्या लगभग 1.324 बिलियन है, जिसमें से हर रोज 194.6 मिलियन लोग भूखे रह जाते हैं, क्योंकि उनके पास खाना खरीदने के लिए पर्याप्त धन नहीं होता, जबकि जालंधर के गोदाम के आसपास कुत्ते घूम रहे थे।
उक्त सारी बातें इस बात की पुष्टि करती हैं कि अनाज गोदाम की सुरक्षा व्यवस्था व रेखरेख की जिम्मेवारी वहां के कर्मचारियों ने राम भरोसे छोड़ी हुई है।इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को अनाज को बचाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिएं, क्योंकि आने वाले दिनों में वर्षा से गोदाम में आने वाले पानी से गेहूं को काफी खतरा हो सकता है।