Edited By Updated: 19 Dec, 2015 12:10 PM
पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाले कै. अमरेंद्र सिंह को अभी 2 दिन ही हुए थे कि पार्टी में एक बार फिर क्लेश पैदा हो गया।
चंडीगढ़(भुल्लर): पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाले कै. अमरेंद्र सिंह को अभी 2 दिन ही हुए थे कि पार्टी में एक बार फिर क्लेश पैदा हो गया। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष शमशेर सिंह दूलो ने कै. अमरेन्द्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय की एंट्री पर लगी इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तथा बेअंत सिंह की प्रतिमाएं हटाकर कार्यालय के अंदर वाले पार्क के पीछे लगाने का कड़ा विरोध किया है।
उन्होंने यह मुद्दा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष उठाने की बात कही है। पार्टी में फिर से मतभेद उभरने के संकेत गत दिवस कै. अमरेंद्र सिंह की प्रदेश मुख्यालय में हुई प्रैस कांफ्रैंस में भी मिले थे। उन्होंने सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की मनप्रीत बादल के साथ गठबंधन न करने की टिप्पणी पर कहा था कि पार्टी के नीतिगत मामलों पर फैसले का अधिकार प्रदेश कांग्रेस या हाईकमान का है।
दूलो ने यहां तक कह दिया था कि बिट्टू का कार्य सिर्फ चुनाव अभियान कमेटी की मीटिंगें करवाना है जिसके वह संयोजक हैं। कल ही कै. अमरेंद्र ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा के कार्यकाल में पार्टी से निकाले गए सभी नेताओं को बहाल कर दिया था। इससे भी कई वरिष्ठ नेताओं में गुस्सा है लेकिन वे अभी बोलने से गुरेज कर रहे हैं। एक प्रमुख नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमें पहले पता था कि कैप्टन अपनी आदतों से बाज नहीं आएंगे। अगर इसी तरह मनमाने और जल्दबाजी में फैसले लिए तो नेताओं का साथ चलना मुश्किल होगा।