Edited By Updated: 29 Sep, 2015 01:45 AM
स्थानीय सिविल अस्पताल में उपचाराधीन ससुराल वालों द्वारा सताई मालेरकोटला निवासी गर्भवती प्रवीण को करीब 8 दिन बीत जाने के बाद भी कोई इन्साफ नहीं मिला है।
मंडी गोबिंदगढ़: स्थानीय सिविल अस्पताल में उपचाराधीन ससुराल वालों द्वारा सताई मालेरकोटला निवासी गर्भवती प्रवीण को करीब 8 दिन बीत जाने के बाद भी कोई इन्साफ नहीं मिला है। जिसका कसूर केवल यही है कि वह बेटी की जगह बेटे को जन्म नहीं दे रही और न ही लालची ससुराल वालों की मांगे मान रही थी।
प्रवीण निवासी कसइया मोहल्ला मलेरकोटला ने बताया कि वह त्रिलोकपुरी गांव अजनाली जिला फतेहगढ़ साहिब में अपने माता-पिता के साथ किराए पर रहती है। वर्ष 2008 में उसके गरीब माता-पिता ने अपनी हैसियत के अनुसार खर्च करके उसकी शादी की थी। शादी के बाद उसके एक लड़का और लड़की पैदा हुई जो मौत का शिकार हो गए। उसने फिर एक लड़की को जन्म दिया, जिसके जन्म के बाद उसके पति, जेठानी, देवर और सास ने तंग-परेशान और मारना शुरू कर दिया।
इस संबंध वूमैन सेल में दी गई शिकायत की जांच के दौरान ससुराल वाले कुछ गण्यमान्यों की जिम्मेदारी पर उसे वापस ले गए। इसके बाद वह दहेज कम लाने के ताने देने के साथ-साथ मोबाइल और कार की मांग करने लगे। इतना ही नही बेटा न होने को लेकर भी उसके साथ मारपीट की जाने लगी। बीते दिन तो उसका पति, जेठानी, सास और देवर ने मिलकर मारपीट करके उसे जान से मारने की कोशिश की जिस पर उसने विरोध किया और शोर मचा दिया, जिसके बाद वे उसे उसके मायके घर के बाहर छोड़ गए। अब उसके परिवार वालों ने उसे उपचार के लिए सिविल अस्पताल मंडी गोङ्क्षबदगढ़ में दाखिल करवा दिया है।
सूचना मिलने पर पंहुची लोकल पुलिस ने इस घटना की सूचना मालेरकोटला पुलिस को दे दी। इस पर वहां की पुलिस ने पीड़िता प्रवीण के बयान तो ले लिए परन्तु कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। प्रवीण के माता-पिता ने इन्साफ की मांग के साथ-साथ ससुराल पक्ष के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।